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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org SHRUTSAGAR 23 August-2018 प्रतिमालेख क्रमांक १ में हुंबड ज्ञाति का उल्लेख है। जो वर्त्तमान में मेवाड़, डुंगरपुर आदि स्थानों पर बहुतायत संख्या में रहते हैं एवं अधिक संख्या में दिगम्बर अनुयायी बन गये हैं। प्रतिमालेख क्रमांक ३में जिनप्रतिमा के रजतमय चक्षु हैं। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रतिमालेख क्रमांक ५ वाली संभवतः साढे छः इंच की विशिष्ट जिनप्रतिमा मनोहारी एवं चिताकर्षक है । ॐ ह्रीँ के मध्य स्थित श्री पार्श्वप्रभु की प्रतिमा के दोनों तरफ धरणेन्द्र देव एवं पद्मावती देवी की अंकुशधारी खड़ी मूर्ति है। निम्न भाग में नवग्रह की स्थापना की गई है। मूर्ति के शीर्ष भाग पर कलश बना हुआ है। स्थानीय निवासी भक्तिवश इस प्रतिमा को चमत्कारी मूर्ति के नाम से आहुत करते हैं । इस प्रतिमालेख के प्रारंभ में अलाई वर्ष का भी उल्लेख नज़र आता है किन्तु अंक अस्पष्ट है, अनुमानतः ४२ हो ऐसा दीखता है। क्रमांक ११की मूर्ति का प्रतिमालेख चौदहवीं शताब्दी के अंतिम दशक का है। इस प्रतिमालेख में पडिमात्रा का उपयोग नहीं है । प्रतिमा के दोनों ओर चामरधारी देव-देवी एवं शिर पर फणायुक्त मूर्ति नयनरम्य है । श्रीवत्स के स्थान से संभवतः चांदी के निकल जाने से छिद्र हो गया लगता है । अस्पष्ट, संदिग्ध एवं पूर्तिपाठों को कोष्ठक में रखे गए हैं। १. पंचधातुमय श्री शांतिजिन पंचतीर्थी संवत् १६३५ वर्षे वैशाख वदि ११ बुधे श्री जिरपुर वास्तव्य श्री हुंबड ज्ञातीय पु० राजा भा० राजलदे सु० पु० मघा पु० देवा मेपा भा० सोभागदे सुता अमराज नागराज देवा भा० देवलदे समस्त कुटुंबयुतेन श्री शांतिनाथ बिंबं कारापितं श्रेयसे श्रयो श्री वृद्धतपापक्षे भट्टारिक श्री तेजरत्नसूरिभिः स्तत्पट्टे भट्टारिक श्री५ देवसुंदरसूरिभिः प्रतीष्ठितं शुभं भवतु कल्याणमस्तु ॥ २. पंचधातुमय श्री शीतलनाथजिन मूर्ति ५ इंच सं० १७०५ व० ज्ये० सु० १० शुक्रे श्रा० विमलादे श्री शीतलनाथ बिंबं कारितं वृद्धतपापक्षे भ० श्री भुवनकीर्तिसूरिभिः ॥ ३. पंचधातुमय श्री वासुपूज्य जिन पंचतीर्थी संवत् १५०६ फागुण सुदि १३ छाजहड गोत्रे सं० भामा पुत्र सं० मोकलेन भा० माणिकदे पु० मेहा सहितेन चाहिणिदे नमित्तं श्री वासुपूज्य बिं० प्रतिष्ठित पल्लिगच्छे For Private and Personal Use Only
SR No.525337
Book TitleShrutsagar 2018 08 Volume 05 Issue 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2018
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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