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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra SHRUTSAGAR ७ योगबिंदु ८ अनेकांतवादप्रवेश ९ द्वयाश्रयमहाकाव्य १० विक्रमचरित्र ११ सुकृतसंकीर्तन www.kobatirth.org १२ कुमारपालचरित्र १३ चतुर्विंशतिप्रबंध 32 हरिभद्रसूरिकृत हरिभद्रसूरिकृत हेमचंद्राचार्यकृत Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अरिसिंहकृत जयसिंहसूरिकृत राजशेखरसूरिकृत १४ काव्यकल्पलता (मराठी) अमरचंद्रसूरिकृत १५ नीतिवाक्यामृत (मराठी) सोमदेवसूरिकृत ए समय पछी ज्यारे सेंट्रल लाईब्रेरीना अंगे संस्कृत डीपार्टमेंट खोलवामां आव्युं अने तेना लाइब्रेरीयन तरीके जैन साक्षर सद्गत् श्री चिमनलाल डाह्याभाई दलाल एम. ए. नी योजना करवामां आवी त्यारे श्रीमाने फरी एकवार पाटणना जैन भंडारोने वधारे बारीकीथी जोवा माटे भाई श्री दलालने आज्ञा करी । श्रीयुत दलालने पोताना निरीक्षणमां जणायुं के ए भंडारोमां तो एटली बधी अमूल्य संपत्ति भरी पडेली छे के तेने जो मूळ रूपमां ज प्रकट करवामां आवे तो तेनाथी भारतना प्राचीन ज्ञानभंडारोनो जगतने विशेष ख्याल आवे तेम छे। तेथी तेमणे एक विस्तृत विज्ञप्ति द्वारा श्रीमानने ए बधी हकीकत निवेदन करी. तेना परिणामे महाराजाए एक आखी जुदी पौर्वात्य ग्रंथमाळा (ओरिएन्टल सीरीझ)ज चालु करवानी स्वतंत्र आज्ञा करी । भाईश्री दलाल ज ए ग्रंथमाळाना प्रथम उत्पादक अने संपादक बन्या. तेमणे पाटणना भंडारोमांथी प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश अने प्राचीन गुजराती भाषाना अनेकानेक उपयोगी अने अलभ्य-दुर्लभ्य ग्रंथो चुंटी काढ्या । पाटणना जैन भंडारोना विशेष गवेषक अने उद्धारेच्छुक मुनिवर प्रवर्तक श्रीकांतिविजयजी महाराज अने तेमना साहित्योपासक शिष्यवर श्री चतुरविजयजी महाराजे भाई श्रीदलालना कार्यमां भंडारो जोवा करवानी घणी अनुकूळता करी आपी, एटलुं ज नहिं पण जे ग्रंथो भाई दलाले छपाववा माटे नक्की कर्या तेमना संशोधन कार्यमां पण प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष एवी अनेक प्रकारनी निष्काम सहकारिता करी बतावी । ए ग्रंथमाळानो प्रारंभ थयो त्यारे आ पंक्तिओन लेखक पण केटलाक समय सुधी वडोदरामां स्थित हतो । श्री चिमनलाले एक साथे अनेक ग्रंथोनुं संपादन, संशोधन अने मुद्रणकार्य चालु कर्तुं हतुं । तेमांथी एक मोटा ग्रंथनुं-सोमप्रभाचार्य विरचित प्राकृत कुमारपाल प्रतिबोधनं संशोधन कार्य अमने, तथा मंत्री यशःपाल विरचित मोहराजपराजय नामना नाटक ग्रंथनुं कार्य मुनिवरश्री चतुरविजयजीने पण वळगाड्यं हतुं । कमनसीबे भाईश्री दलालनुं अकाळे अवसान For Private and Personal Use Only July-2018
SR No.525336
Book TitleShrutsagar 2018 07 Volume 05 Issue 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2018
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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