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श्रुतसागर
जून-२०१८ साथे-साथे कर्तानी काव्य-कुशलतानो परिचय पण आपे छे. कृतिमां प्रथम ढालना गाथांकना स्थानो अने छंदरचना वच्चेना समन्वयमां प्रश्न थतां अन्य बे प्रतो जोतां त्रणेय प्रतोमा भिन्नता नजर आवी. तेमांथी प्रत नं. ५११८८ना गाथांक स्थानो छंद साथे वधु सुसंगत थतां जणायां (तेमां पण गाथांक १ थी ४ सुधी ज आपेल छे, पछी गाथांकनो उल्लेख नथी, ४ सुधी अपायेल गाथांकोना आधारे आगळनी गाथाओना छंदन अनुमान थई शके छे) जेनो अमे प्रस्तुत प्रतमां उपयोग कर्यो छे. जेथी १८ गाथानी जग्याए ते मेटर १२ गाथामां समाई जाय छे. आ ढालमां एकांतरे षट्पदी तेमज चतुष्पदी गाथाओ आपवामां आवेल छे. शेष ढालोना गाथांकस्थान यथावत् राखेल छे.
प्रस्तुत कृतिमां एक-एक दृष्टांतनी एक-एक ढाल आपतां दश दृष्टांतोनी दश ढालो आपेल छे. १०-१० दृष्टांतो साथे गेय पद्योमा प्रस्तुत थतुं तत्त्वज्ञान वाचकने सुरुचिकर बने तेवू जणाय छे. मानव अवतार पाम्या पछी सर्वप्रथम तेनी महत्तानु भान थर्बु अने ते सार्थक करवा उद्यत बनवू घणु ज अगत्यनु होय छे. ते माटे एक प्रबळ माध्यम आ कृति कही शकाय. १६मी सदीना अंते अने १७मी सदीना प्रारंभ काळनी वच्चे थयेल आ कर्तानी रचना आम तो समझाय तेवी छे छतां १० दृष्टांतोनो संक्षिप्त परिचय अत्रे रजु करवामां आवे छे.
दश दृष्टांत संक्षिप्त परिचय १. चुल्लक दृष्टांत
चुल्लक अर्थात् भोजनगृह. ब्रह्मदत्त चक्रीए प्रसन्न थईने एक ब्राह्मणने छ खंडना बधा घरमा क्रमशः भोजन करवानी अनुमति आपी. चक्रवर्तीना घरथी प्रारंभ करी छ खंडना तमाम घरो पूर्ण करी पुनः चक्रीना घरनुं स्वादिष्ट भोजन आ जन्ममां प्राप्त करवू ते ब्राह्मण माटे जेम दुर्लभ छे तेवी ज रीते मनुष्य जन्म पण पुनः मळवो दुर्लभ
२. पासक दृष्टांत
देव द्वारा प्रसन्न थईने आपेल पासाओ वाळा चाणक्यने पराजित करवो जेम दुष्कर छे, तेवी ज रीते मानव जन्म पुनः मळवो दुर्लभ छे. ३. धान्य दृष्टांत
समस्त भरतक्षेत्रना धान्यनी गगनस्पर्शी राशिमा मिश्रितरूपथी नाखेल एक प्रस्थ (शेर) प्रमाण सरसवने काढवा एक कंपायमान देहवाळी, कमजोर आंखोवाळी वृद्धा माटे जेम अघरुं छे, तेवी ज रीते मनुष्य अवतार दुर्लभ छे.
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