SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 4
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुक्रम 1. संपादकीय रामप्रकाश झा 2. कक्कावलि 3. Beyond Doubt आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरिजी Acharya Padmasagarsuri गणि सुयशचंद्रविजयजी 4. मांडण संघवी रास 5. चतुर्विंशतिजिन स्तोत्रकोश भाविन के. पण्ड्या 6. गुरुपरंपरा मुनि श्री न्यायविजयजी 7. समाचारसार 8. चातुर्मास सूची म उद्यम कबहुं न छंडीयै, परआसा के मोद। गगरी कैसें फोरयें, उभयो देख पयोध ॥ हस्तप्रतांक-७९१३१ दूसरे के ऊपर आशा रखकर उद्यम नहीं छोड़ना चाहिए। सामने समुद्र को देखकर हमें अपनी गगरी नहीं फोड़ देनी चाहिए। उत्तम प्रीत सुजांण की, कदे न छंडै रंग। औछी प्रीत अजांण की, जैसे रंग पतंग॥ हस्तप्रतांक-८९०१४ ज्ञानी पुरुषों की प्रीत उत्तम होती है, जो कभी अपना रंग नहीं छोड़ती है। परन्तु अज्ञानी पुरुषों की प्रीत पतंग के समान होती है जिसका रंग स्थिर नहीं रहता है। * प्राप्तिस्थान आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर तीन बंगला, टोलकनगर, होटल हेरीटेज़ की गली में डॉ. प्रणव नाणावटी क्लीनिक के पास, पालडी अहमदाबाद - ३८०००७, फोन नं. (०७९) २६५८२३५५ For Private and Personal Use Only
SR No.525324
Book TitleShrutsagar 2017 07 Volume 04 Issue 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2017
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy