SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 34
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org SHRUTSAGAR 32 March -2017 शांतिग्राम में नवनिर्मित जिनप्रासाद में श्री आदिनाथ प्रभु आदि जिनबिंबों का प्रवेश महोत्सव सम्पन्न Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परम पूज्य राष्ट्रसंत आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म. सा. की पावन निश्रा में अहमदाबाद, वैष्णवदेवी मंदिर समीप, सरखेज-गांधीनगर महामार्ग पर अवस्थित शांतिग्राम में नवनिर्मित जिनालय में दिनांक २४ फरवरी, २०१७ को मूलनायक आदिनाथ प्रभु आदि जिन बिम्बों का प्रवेश महोत्सव सम्पन्न हुआ. इस जिनालय का निर्माण जिनभक्तििरत शांताबेन शांतिलाल भुदरमल अदाणी परिवार द्वारा कराया गया है. नवनिर्मित जिनप्रासाद में मूलनायक श्री आदिनाथ प्रभु आदि जिनबिंबों का प्रवेश महोत्सव परम पूज्य राष्ट्रसन्त आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब तथा उनके आज्ञावर्ति प. पू. आचार्य श्री हेमचन्द्रसागरसूरिजी, गणिवर्य श्री प्रशान्तसागरजी आदि पूज्य साधु-साध्वीजी भगवंतों की निश्रा में संपन्न हुआ. इस शुभ अवसर पर अदाणी ग्रूप ऑफ इन्डस्ट्रीज के चेरमेन श्री गौतमभाई अदाणी ने सपरिवार राष्ट्रसंत आचार्यश्री से आशीर्वाद प्राप्त किये. मधुपुरीतीर्थ में तीन मुमुक्षुओं का भव्यातिभव्य दीक्षा महोत्सव सम्पन्न १ प.पू.राष्ट्रसंत आचार्यश्रीपद्मसागरसूरीश्वरजी की पावन निश्रा में श्रीमद्बुद्धिसागरसूरि विरति वाटिका, महुडी(मधुपुरी) में मुमुक्षु श्री हिरेनभाई, मुमुक्षु जयश्रीबहन व मुमुक्षु विधिकुमारी ने वि.सं.-२०७३ फाल्गुन शुक्ल - १-३ तदनुसार दिनांक- २७ फरवरी से मार्च २०१७ तक आयोजित त्रिदिवसीय दीक्षा महोस्तव में संयम ग्रहण किया. मुमुक्षु हिरेनभाई राष्ट्रसंत आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा. के पट्टशिष्य समतासुधानिधि आचार्य श्री वर्धमानसागरसूरिजी म.सा. के शिष्य मुनि श्री हृदयपद्मसागरजी के नाम से प्रसिद्ध हुए. मुमुक्षु जयश्रीबहन साध्वीवर्या श्री अनंतदर्शनाश्रीजी म.सा. का शिष्यत्व ग्रहण किया व साध्वी श्री जितयशाश्रीजी के नाम से प्रसिद्ध हुई. ये दोनों मुनि श्री कल्याणपद्मसागरजी के शिष्य मुनि श्री यशपद्मसागरजी के सांसारिक माता-पिता हैं. मुमुक्षु विधिकुमारी ने अपनी संसारी बहन साध्वीवर्या श्री हंसदर्शिताश्रीजी म.सा. का शिष्यत्व साध्वी श्री वीतरागदर्शिताश्रीजी के रूप में ग्रहण किया.. इस पावन प्रसंग पर राष्ट्रसंत एवं उनकें शिष्य-प्रशिष्य तथा देश के विभिन्न भागों से पधारे अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे. सभी कार्यक्रम आनंदमय वातावरण में सम्पन्न हुए. For Private and Personal Use Only
SR No.525320
Book TitleShrutsagar 2017 03 Volume 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2017
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy