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भोठ
विभु
SHRUTSAGAR
March-2017 सभानां व्ववस्थापकोनो तथा पाठभेदो मेळववा माटे प्रत आपवा बदल श्रीकैलाससागरसूरिजी ज्ञानभंडार कोबानां व्यवस्थापकोनो पण खूब खूब आभार.
पाठ मेळवणी माटे नीचे प्रमाणे लेखमां जे-ते स्थाने देवनागरी आंकडाओमां क्रमांक अंकित करेल छे. गाथांक मूळ प्रतमां कोबानी प्रतमां सर्व वस्तु
सर्वस्व आपथी
संगथी रूप चिदानंद
चिन्मय स्यो
विष्णु सारी
भार शो आतम
स्यो तुम भाम
ताति भर्या
छक्या कथे
कहे अतानी
अग्निनी कृपा संवेग वैरागना, शम दम श्रद्धा प्रांहि, जसु घर प्रगट्यो बोध-रवि, ए लक्षण हुइ त्यांहि.
(आ पद्य कोबानी प्रतमां उमेरायेलुं छे.) १४ ९२
सात्त्विक
तात्त्विक १५ ९९ छेल्लां ८ पद्यो कोबानी प्रतमां नथी.
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