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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 SHRUTSAGAR November-2016 नामक विमान में उत्पन्न होने के कारण कोहंडी कहा जाता है. वीरविजय रचित सज्झाय में अमकासती नाम मिलता है. उसमें पति के मरकर कछुआ होने का भी उल्लेख है. उसकी पंक्ति कुछ इस प्रकार है-“आल दीधाना ए फल होय, तेह मरी थयो काचबो रे; हीरविजय गुरु हीरलो होय, वीरविजय गुण गावता रे" जिनप्रभसूरि रचित अंबिका कल्प में पुत्रों के नाम के रुप में सिद्ध और बुद्ध का उल्लेख मिलता है. प्रस्तुत प्रत में शुभकर और विभकर नाम मिलते हैं. मार्ग में शुभकर को आम्रफल व विभकर को जल देने का उल्लेख है, आ. श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर, कोबा स्थित प्रायः अप्रकाशित अन्य एक अज्ञात कर्तृक पद्यबद्ध संस्कृत अंबिका कथा में भी शुभकर व विभकर नाम का उल्लेख हैं. पद्यबद्ध यह कृति १९वीं सदी के उत्तरार्ध की एकमात्र प्रति ४७६०१ में उल्लिखित है. इस प्रत में अंबिका के पिता का नाम भूदेव देवशर्मा दर्शाया गया है. साथ-साथ अंबिका के परमार्हती व सुश्राविका होने का भी उल्लेख है. उपदेश प्रासाद (भाग-३ स्तंभ-११) में सोमभट्ट के पिता का नाम दर्शाते हुए देवभट्ट बताया गया है और अंबिका श्रावककुल की एवं पुत्रों के नाम सिद्ध व बुद्ध दर्शाए गए हैं. जिनप्रभसूरि रचित कल्प में पडोसन द्वारा कुछ भी कहे जाने का उल्लेख नहीं मिलता है. जिनप्रभसूरि कहते हैं कि एक मत ऐसा भी है कि अंबिका व उसके पति रैवतगिरि के शिखर पर से गिरकर अवसान को प्राप्त हुए थे. ____ अंबिकादेवी के नाम से स्तोत्र, छंदादि देशी व संस्कृत प्राकृतादि भाषाओं में विविध कर्ताओं द्वारा रची गई कई कृतियाँ हैं. कोबा ज्ञानमंदिर में लगभग ५४ कृतियाँ अंबिका के नाम से उपलब्ध हैं व उनसे जुडे हुए कई प्रकाशन, लेख व हस्तप्रतें हैं. ___ कृति परिचयः-प्रायः अप्रकाशित प्रस्तुत कृति की रचना गद्यबद्ध व संस्कृत भाषा में है. रचना बहुत ही सुंदर, सरल व सुगम है. कहीं पर भी क्लिष्ट शब्द या समासादि का प्रयोग नहीं किया गया है. साधारण संस्कृत जानने वाले भी आसानी से इसे पढ़कर अर्थबोध प्राप्त कर सकते हैं. अज्ञात कर्तृक इस कृति की भाषा प्रस्तुति स्तुत्य है. रचना शुद्ध संस्कृत में न होकर देशी मिश्रित संस्कृत For Private and Personal Use Only
SR No.525316
Book TitleShrutsagar 2016 11 Volume 03 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2016
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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