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श्रुतसागर
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अगस्त २०१६
तो खासकर के उसका पालन होना चाहिए। आज विविध प्रकार के दिन मनाये जाते हैं, उसी तरह अभी कुछ समय पूर्व यानि २१ जून २०१६ को विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था जिसे सयुंक्त राष्ट्र संघ ने दो वर्ष मान्यता दी थी। उसी प्रकार सयुक्त राष्ट्र संघ ने २००७ में घोषणा की कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन २ अक्टूबर को “विश्व अहिंसा दिवस” के रूप में मनाया जाय । कम से कम एक सर्व धर्म सभा का आयोजन हर ग्राम, सब कस्बों और शहरों में करना चाहिए । अन्य देशों में भी ऐसे कार्यक्रम हों उसके लिए पहल करना चाहिए। अहिंसा के बारे में उपलब्ध साहित्य को घर-घर पहुँचाना चाहिए। अहिंसा विषय पर लघु फिल्मों का निर्माण करना और सब लोगों को दिखाना चाहिए। एक दिन के लिए उपवास या व्रत करना, मौन रखना, कम से कम एक जीव को बचाने का संकल्प लेना, एक दिन के लिये स्वतः मांसाहार का त्याग करना। एक वर्ष में कम से कम एक चीज का त्याग करना जिसको बनाने में कहीं न कहीं किसी प्राणी को कष्ट दिया गया हो या उसे मारा गया हो। जैसे की चमड़े के बने हुए बटुवे, बेल्ट इत्यादि । विश्व अहिंसा दिवस के दिन किसी भी मित्र या रिशतेदार को दुःख नहीं देना चाहये।
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किसी न किसी निमित्त से विश्व में अहिंसा का पालन होता है तो वह आखिर समस्त मानव कल्याण के हित में ही होगा। संचार माध्यमों जैसे कि टेलीविज़न, इंटरनेट, ईमेल, पत्र-पत्रिकाओं, फेसबुक, ट्विटर द्वारा अहिंसा और उससे जुड़े पहलुओं का प्रचार करना चाहये। दूसरे संगठनों से भी निवेदन किया जाय कि वे भी अपने-अपने शहरों और गाँवों में जोर-शोर से अहिंसा का प्रचार प्रसार करें।
विश्व के सभी देशों के प्रतिनिधि जो दिल्ली में रहते हैं और सभी भारतीय संसद सदस्यों को, मुख्य मंत्रियों को और अन्य जनप्रतिनिधियों को इसके बारे में निवेदन करना चाहिए ।
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सयुंक्त राष्ट्र संघ (U N O) विश्व के सभी देशों को हत्या, आतंक एवं युद्ध बंद करने की अपील करे ।
विश्व में कहीँ भी इस दिन किसी को भी फांसी न दी जाय ।