________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
श्रुतसागर
नवम्बर-२०१५ ५. ग्रन्थमाला आधारित शोधपद्धति ६. हस्तप्रत आधारित शोधपद्धति, तथा ७. मैगेजिन अंक आधारित शोधपद्धति
पुस्तक आधारित शोध पद्धति : सामान्यतया वाचक पुस्तक का नाम लेकर हमारे पास आता है, और हम उस पुस्तक का नाम पुस्तक शोधप्रपत्र के पुस्तक नामवाले खाने में प्रविष्ट कर शोध करते हैं यदि वह पुस्तक ज्ञानमन्दिर में होगी तो उसका विस्तृत विवरण तर्कबद्ध भागों में विभाजित होकर तुरन्त प्राप्त हो जाता है. जिसके अन्तर्गत पुस्तक का नाम, उसका भाग, उसकी आवृत्ति, उस पुस्तक के प्रकाशक का नाम व स्थल, उसका प्रकाशन वर्ष तथा उसकी पृष्ठ संख्या कम्प्यूटर स्क्रीन पर दर्शायी जाती है.
उसके नीचे उस पुस्तक में स्थित अन्य स्वतन्त्र कृतियों की सूचनाएँ, जो पेटांक के रूप में होती हैं और जो आचार्य श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर की विशिष्टता है, उसे कृति अनुसार पृष्ठ सहित दर्शाया जाता है, उसके नीचे उस पुस्तक के सम्पादक, संशोधक, संकलनकार आदि का नाम तथा पुस्तक की भौतिक स्थिति दर्शायी जाती है.
इसके अन्तर्गत उस पुस्तक का नम्बर, उसका मूल्य, उसकी भौतिक दशा, जैसे- जीर्ण, श्रेष्ठ आदि और उस पुस्तक का प्राप्तिस्थल दर्शाया जाता है. सबसे नीचे उस पुस्तक में उपलब्ध कृतियों के नाम, उसके कर्ता का नाम, उसका स्वरूप मूल, टीका, अनुवादादि, उसका प्रकार गद्य-पद्यादि, उस कृति का आदिवाक्य, अन्तिमवाक्य तथा उसका परिमाण दर्शाया जाता है.
कभी-कभी मात्र पुस्तक नाम से यह स्पष्ट नहीं हो पाता है कि उस पुस्तक में क्या-क्या है? परन्तु आचार्य श्रीकैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर में माल पुस्तक नाम से शोध करने पर उस पुस्तक के अन्दर उपलब्ध समस्त विवरण क्षणमात्र में कम्प्यूटर-स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाता है, जिसे देखकर वाचक यह तय कर सकता है कि वह पुस्तक उसके लिए उपयोगी है या नहीं?
(Countinue...)
For Private and Personal Use Only