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राष्ट्रसन्त आचार्यदव श्री पद्मसागरसूरिजीका चातुर्माप्सिक साधना हेतु मंगलप्रवेश सम्पन्न
___ डॉ. हेमन्त कुमार परम पूज्य राष्ट्रसन्त आचार्यभगवन्त श्रीमद पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब ने अपने शिष्य-प्रशिष्यों के साथ दिनांक २५ जुलाई, २०१५ को अहमदाबाद के सेटेलाइट जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ में चातुर्मास आराधना हेतु मंगलप्रवेश किया.
इस पावन अवसर पर विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया जिसमें हाथी, घोड़े, ऊँट, ध्वज-पताकों से सुसज्जित रथ, विभिन्न प्रकार के बैंड-बाजों के साथ देशविदेश के विभिन्न भागों से पधारे गुरुभक्तों, श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों ने भाग लिया. शोभायात्रा जैनधर्म एवं परम पूज्य आचार्यश्रीजी की जय-जयकार करते हुए शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरती हुई सभा स्थल पर पहुँची. मार्ग के दोनों ओर श्रद्धालु नर-नारी नतमस्तक होकर पूज्यश्रीजी को नमन कर रहे थे.
विशाल जनसमूह की उपस्थिति में परम पूज्य राष्ट्रसन्त आचार्यदेव श्रीमद पद्मसागरसूरीश्वरजी म. सा. ने भगवान महावीर के उपदेशों का वर्णन करते हुए कहा कि मानव जीवन का परम लक्ष्य है मोक्ष की प्राप्ति. हमें अपने जीवन में लक्ष्य को लेकर ही चलना चाहिए. एक लक्ष्य लेकर चलेंगे तो हमारा मानव जीवन धन्य बनेगा. नहीं तो अब तक हमने कितने मानव तन पाए होंगे किन्तु संयम नहीं करने के कारण संसार में भ्रमण कर रहे हैं. संसार के चक्र से अपनी आत्मा को निकालना है. परमात्मा महावीर ने हमें यही बताया है कि मानव तन मिला है तो इसका सदुपयोग करें. वर्षावास का महत्त्व समझाते हुए कहा कि यह समय हमारे जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण है. इस समय में एक स्थान पर स्थिर होकर आत्मकल्याण हेतु साधना करते हुए अपने चरम लक्ष्य की प्राप्ति हेतु प्रयास करना चाहिए.
इस अवसर पर आचार्य श्री देवेन्द्रसागरसूरिजी म. सा., आचार्य श्री हेमचंद्रसागरसूरिजी म. सा., आचार्य श्री विमलसागरसूरिजी म. सा., गणिवर्य श्री प्रशान्तसागरजी म. सा. आदि ने भी जन समूह को अपने प्रवचन से लाभान्वित किया.
उपस्थित सभी श्रद्धालुओं हेतु नवकारशी एवं भोजन की उत्तम व्यवस्था की गई थी. सभी कार्यक्रम पूर्ण धार्मिक वातावरण में सम्पन्न हुए.
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