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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra SHRUTSAGAR www.kobatirth.org 75 १५. विभागीय नं. ४१२, पार्श्वनाथ भगवान, एकतीर्थी सं. १७०८ शु. १० श्रीआषाढे श्रीश्री ......ज्ञा. व्या०. कारिता प्रतिष्ठिता श्रीविजयसिंहसूरिभिः शुभं भवतु || १६. विभागीय नं. ४१३, चंद्रप्रभस्वामी भगवान, एकतीर्थी सं. १४२३ फा. शु. ९ श्री श्री.... श्रीचंद्रप्रभस्वामि प्रति. का. प्र. श्रीसुमतिसिंहसूरि ॥ मं. = मंत्री सं. = संघवी का. = कारित पु. = पुत्र १७. विभागीय नं. ४१४, जिनप्रतिमा, त्रितीर्थी सं. १३७८ महा सुदि ४ शुक्रे द्वारा (ठा?) वास्तव्य श्रे. झाझणेन भ्रातृ.. ............ Gercafe: निज सु.. संकेतसूचि ज्ञाती. = ज्ञातीय भार्या भा. = प्र. = = प्र (प्रा) ग्वाट = प्रतिष्ठित प्र. = Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir MAY-JUNE-2015 . श्रेयसे सुत जसपालेन For Private and Personal Use Only सु. = सुत श्रे. = श्रेष्ठी पूर्णि. = पूर्णिमा व्य. = व्यवहारी त्रिवेणी संगम कोबातीर्थ की पावन भूमि पर श्रेणीतप पारणोत्सव सानन्द सम्पन्न परम पूज्य राष्ट्रसन्त शासन प्रभावक आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब की पावन निश्रा में विश्वप्रसिद्ध श्री कोबातीर्थ की पावन भूमि पर पूज्य आचार्य श्री के शिष्य परम पूज्य आचार्य श्री अजयसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब के शिष्य परम पूज्य मुनि श्री हर्षपद्मसागरजी महाराज साहब के श्रेणीतप तथा साध्वी श्री अनन्तदर्शनाश्रीजी महाराज साहब का १०८ अट्ठम तप का त्रिदिवसीय पारणोत्सव दिनांक १२ जुलाई से १४ जुलाई, २०१५ तक आयोजित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ.
SR No.525300
Book TitleShrutsagar 2015 05 06 Volume 01 12 13
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2015
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size6 MB
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