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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org श्रुतसागर 58 मे - जून २०१५ चतुर्भुजी के समान बालास्वरूप में शोभायमान हो, हे देवी तुम बालास्वरूपेश्वरी हो । हे देवी०... ॥१०॥ त्वन्मन्त्राक्षरसप्रभावमहतां, वर्णाधनुर्विंशतिस्तत्राद्याप्रणवानुनासिकयुतां, मायारमावाग्भवम् ॥ कर्मो राजततश्चवर्णत्रिपुरा-रेवं च बीजेश्वरी । हे देवी! सुमुखे भवन्तु सततं सन्तुष्ट मातेश्वरी ॥११॥ ध्रु. सरलार्थ-हे माता! तुम्हारा मन्त्राक्षर महान प्रभावों से युक्त है, २५वर्णात्मक अक्षरमातृका उसमें भी प्रारंभ में अनुनासिक सहित प्रणव (अ, उ, म=ॐ) जिन वर्णों से कार्य सिद्धि होती है ऐसे अनुनासिक युक्त प्रणव बीज ॐ मायाबीज ह्रीँ लक्ष्मी बीज श्रीं और वाणी बीज ऐं युक्त तुम त्रिपुरा भवानी बीजमंत्रों की देवी बीजेश्वरी हो । हे देवी०... ॥११॥ षड्बीजेव पुरो ततस्वदवद, वाग्वादिनी संयुता । भगवत्यापि च तुभ्यमग्रनमसौ, स्वाहारिति वर्णयुग् ॥ शुद्धाक्षरतरं यं पठित ( पठन्ति) सत्, मन्त्रं च मन्त्रेश्वरी । देवी! सुमुखे भवन्तु सततं, सन्तुष्ट मातेश्वरी ॥१२॥ध्रु.॥ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सरलार्थ-हे माता! प्रारंभ में षड्बीज मन्त्राक्षर तत्पश्चात् वद वद वाग्वादिनी युक्त भगवती तुभ्यं नमः स्वाहा इस वर्ण युक्त शुद्ध रूप से पठन किए गये मंत्र की अधिष्ठात्री तुम मन्त्रेश्वरी हो, श्लोक-११-१२ मंत्र - गर्भित हैं, मंत्र - “ॐ ह्रीं श्रीं ऐं वद वद वाग्वादिनी भगवती तुभ्यं नमः स्वाहा” फलतः बीजमन्त्र के पाठ का योग्य फल प्रदान करती हो । हे देवी०... ॥ १२ ॥ सद्ध्यानैर्शुचिचेलतस्त्रिकरणैर्सद्धूपसत्पूजितैः । सत्पञ्चामृतहोमभिश्च पठितै-र्लक्षासपाद ध्रुवम् ॥ सो स्यादिन्दु विधीज्यवित् कविसमा, धीमन्त ज्ञानेश्वरी । हे देवी! सुमुखे भवन्तु सततं सन्तुष्ट मातेश्वरी ॥१३॥ ध्रु. ॥ सरलार्थ-हे माता! जो निश्चय मन से शुद्ध वस्त्र धारण करके त्रिकरणपूर्वक (मन, वचन व कर्म से) सम्यक् प्रकार से तुम्हारा ध्यान, पूजन, पंचामृतस्नान, होमादि के द्वारा सवा लाख पाठ मन्त्रजाप व पाठादिपूर्वक तुम्हारी भक्ति करता है वह चन्द्रमा व विधि (ब्रह्मा, विष्णु) के समान पूजनीय, विद्वान तथा शुक्र के समान ज्ञानवान होता For Private and Personal Use Only
SR No.525300
Book TitleShrutsagar 2015 05 06 Volume 01 12 13
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2015
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size6 MB
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