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मार्च - २०१५
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श्रुतसागर
कभी ऐसा भी देखा गया है कि एक ही अंक में वर्ष बदल जाता है. उदाहरण के लिये किसी मैगजीन का दिसम्बर-२०१४ का अंक प्रकाशित नहीं हो सका, एक महीने बाद दिसम्बर-२०१४ एवं जनवरी २०१५ दोनों ही मास का संयुक्त अंक प्रकाशित किया गया हो तो इस अंक में दोनों वर्षों की सूचना प्रविष्ट की जाएगी. प्रारम्भ वर्ष की तरह जिस वर्ष में मैगजीन की अवधि समाप्त हो रही है. वह अन्त वर्ष माना जाएगा. अन्त वर्ष के खाने में अन्त वर्ष टाईप किया जाएगा. यदि प्रारम्भ व अन्त वर्ष समान हो तो दोनों में समान वर्ष भरा जाएगा.
मैगजीन का संपादक
मैगजीन का संपादक या संपादकमंडल आदि के नाम को मैगजीन के साथ लिंक किया जाता है, जिससे यदि कोई वाचक यह जानना चाहे कि अमुक विद्वान द्वारा संपादित मैगजीन कौन सी है, तो शीघ्रता से पता चल सके. इसके कारण वाचकों का समय बचता है तथा उनकी अपेक्षित सूचनाएँ शीघ्रता से प्राप्त होती हैं.
मैगजीन का संयुक्तांक
कभी-कभी किसी विशेष कारणवश किसी मैगजीन के संयुक्तांक भी प्रकाशित किए जाते हैं. इनकी सूचना भी प्रोग्राम में प्रविष्ट की जाती है, ताकि जब किसी वाचक को किसी विशिष्ट संयुक्तांक की आवश्यकता हो तो उसे आसानी से ढूँढ़ा जा सके. इससे यह भी पता चलता है कि इन दो अंकों की अलग-अलग प्रतियाँ न होकर एक ही प्रति है.
मैगजीन का विशेषांक
प्रत्येक मैगजीन समय-समय पर किसी विशेष पर्व, विशिष्ट व्यक्ति या घटनाक्रम से संबंधित विशेषांक प्रकाशित करते हैं. आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर में इन विशेषांकों की प्रविष्टि करने हेतु प्रोग्राम में एक विशेष फिल्ड दिया गया है, जिसमें विशेषांक की सूचना प्रविष्ट की जाती है. इस कारण से वाचक द्वारा श्रुतसागर का अंक १२ मार्च २००७ का आचार्य पद प्रदान महोत्सव विशेषांक की मांग करने पर प्रोग्राम में सर्च करके शीघ्रता से उपलब्ध कराया जाता है.
मैगजीन के अवतार
जब किसी मैगजीन का नाम, प्रकाशक, प्रकाशन अवधि आदि वही हो किन्तु संपादक बदल जाए, या मात्र प्रकाशक बदल जाए, या मात्र प्रकाशन अवधि बदल
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