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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org श्रीगुणविनयगणिविरचितटीकालङ्कृतम् पूज्याचार्य श्रीमानदेवसूरिविरचितं 'श्रीलघुशान्तिस्तोत्रम्' मुनिश्री सुयशचंद्रविजय मुनिश्री सुजसचंद्रविजय Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जगतना प्रांगणमा पोताना ज्ञान-ध्यान- तप-तेज-लब्धि के अन्य विशिष्टशक्तिथी जिनशासननी प्रभावना करनारा अनेक महापुरुषो शासनने मळ्या छे. तेओ बीजाअन्य धर्मीओना हृदयमां शासननी स्थापना करे छे अने शासन पामेलाने शासनमां वधु स्थिर करता होय छे. १. प्रावचनीक ४. नैमितिक , २. धर्मकथी ५. तपस्वी ७. सिद्ध ८. कवि आ आठ मुख्य प्रकारमा प्रायः सर्वे प्रभावक महापुरुषोनो समावेश थाय छे. नंदिषेणमुनिजी, मल्लवादिसूरिजी वादिदेवसूरिजी वृद्धवादिसूरिजी भद्रबाहुस्वामी, जगत्चंद्रसूरिजी वज्रस्वामीजी, सिद्धसेनदिवाकरसूरिजी आर्यरक्षितसूरिजी, कालकसूरिजी बप्पभट्टसूरिजी, अभयदेवसूरिजी हेमचंद्रसूरिजी आदि महापुरुषोनी साथै आ. मानदेवसूरिजी म. नी गणना आ प्रभावकपुरुषोमां थाय छे. तेमनुं जीवन अने तेमना कार्योंनी विगत अनेक ग्रंथोमांथी उपलब्ध थाय छे. " ३. वादी ६. विद्या मंत्रप्रभावक आचार्य मानदेवसूरिजी प्रस्तुत ग्रंथमां आम तो 'शांतिस्तव वृत्ति' विशे ज लखवुं जोईए, पण वाचकोने विशेष बोध थाय ते माटे अने बाळजीवोने पण महापुरुषो प्रत्ये आदर थाय ते माटे 'मानदेवसूरिजी म. 'नुं जीवन 'प्रभावक चरित्र' ग्रंथना आधारे जणावीए छीए. For Private and Personal Use Only मानदेवसूरिजी - वीरनिर्वाणनी प्रायः सातमी सदीमां राजस्थानना नाडोल नगरमां शेठ जिनदत्तनी धर्मपत्नी धारिणीना घरे तेमनो जन्म थयो हतो. ते मानदेव असाधारण कांतिवाळो हतो. अने तेनुं अंतर वैराग्यथी वासित हतुं. योगानुयोग समंतभद्रसूरि-वृद्धदेवसूरिजीना पट्टधर आचार्य श्री प्रद्योतनसूरिजी पृथ्वीतलने पावन करता-करता नाडोल पधार्या. सूरिजीनी धर्मदेशना सांभळी वैराग्य पामेला मानदेवे गुरु म. ने दीक्षा आपवा विनंती करी. अत्यंत आग्रह थया बाद मात-पितानी अनुमति मेळवी तेणे दीक्षा
SR No.525297
Book TitleShrutsagar 2015 01 02 Volume 01 08 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2015
Total Pages82
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size7 MB
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