________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
59
श्रुतसागर
नवम्बर-२०१४ आवी छे. अरस-परसना दर्शनथी बन्नेना हृदयमां गाढ आकर्षण जन्मे छे, ने छेवटे बन्नेना विवाह थाय छे. ___ उचित समये राजा पुरुषदत्त सिंहकुमारने राज्य सोंपी प्रव्रज्या ग्रहण करे छे. नीतिपूर्वक राज्यनु पालन करतां राजा सिंहने त्यांज कुसुमावलीनी कुक्षीए अग्निशर्मानो जीव अवतरे छे. राणीने अनेक दुष्ट दोहद थाय छे. छेवटे राजाना आंतरडां खावानी ईच्छा थाय छे. राणी आवी अनिष्ट इच्छाओ घणी दबावे छे पण दाबी शकाती नथी. गर्भपात करवा विचार करे छे छतां ते पण बनी शकतुं नथी.
सुगुण राजा तेनी ते ते इच्छाओ पूरे छे. बाळकनो जन्म थया पछी पण दासी द्वारा तेने क्यांय रखडतो मूकी देवानी व्यवस्था राणी करे छे पण राजाने तेनी खबर पडे छे ने कुमारने बचावी ले छे. दूध पाईने झेरी सापने उछेरे तेम राजा पुत्रने उछेरे छे ने तेनुं आनंद एवं नाम पाडे छे. कुमार वयमां आवे छे. पोतानी दुष्टता अनेक प्रकारे बतावे छे. छेवटे राजाने केदमां पूरे छे ने वखत जतां तलवारथी हणे छे. शुभ ध्याने मरीने सिंह पांचमा देवलोकमां उत्पन्न थाय छे ने आनंद पहेली नरके जाय छे.
आ विभागमां मेहना अंकुर प्रेमीओनां हृदयमा उत्तरोत्तर कया क्रमे विकास पामे छे. तेनुं अने विवाहविधिनु विशिष्ट वर्णन सुन्दर रीते बताव्यु छे. धर्मघोषसूरिमहाराजनुं कथानक रोचक ने भवनिर्वेद उत्पन्न करे छे. मधुबिन्दु- दृष्टान्त पण हृदयने हचमचावे एवी रीते आ विभागमा रजू थयु छे. मोटा मोटा समासो अने प्रसंगे प्रसंगे ढूंका ढूंका वाक्यखंडो नदीमां वहेता शांत गंभीर जलप्रवाहनी जेम वहे छे. ने वाचक ते प्रवाहमां तणातो जाय छे तेनी ईच्छा एवी होय के हवे आमाथी छूटो थाउं पण तेम ते करी शकतो नथी. प्रवाहमां ने प्रवाहमां तेने खेंचावूज पडे छे एज आ कथानी खूबी छे. त्रीजो भव:
वक्खायं जं भणिय, सीहाणंदा य तह पियापुत्ता।
सिहि-जालिणिमाइसुआ, एत्तो एअं पवक्खामि॥ ए प्रथमर्नु अनुसंधान करनारी गाथा छे. त्रीजा भवमां समरादित्यनो आत्मा शिखिकुमार अने अग्निशर्मानो जीव जालिनी तरीके जन्मे छे. कौशांबीनगरीमां ईन्दुशर्मा ब्राह्मणने त्यां शुभंकरानी कुक्षीए जालिनीनो जन्म थयो छे ने उचितवये बुद्धिसागर नामना मंत्रीना पुत्र ब्रह्मदत्त साथे तेने परणावी छे. देवलोकथी च्यवीने ते जालिनीनी कुक्षीए गुणसेननो जीव अवतरे छे. पुण्यात्माना प्रभावे माताने सुन्दर स्वप्न आवे छे पण तेनुं ते बहुमान करी शकती नथी, वारंवार गर्भनाशनी इच्छा कर्या करे छे.
For Private and Personal Use Only