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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीरत्नशेखरसूरिकृता श्रीनन्दीश्वरद्वीपस्थितजिनभवनपूजा मुनिश्री सुयश-सुजशचन्द्रविजय नन्दी एटले समृद्धि अने ईश्वर एटले वैभववाळो दीपतो जे द्वीप ते नंदीश्वरद्वीप... जंबूद्वीप फरते वलयाकारे वीटळायेलो १,६३,८४,००,००० (एकसो तेसठ क्रोड चोर्यासी लाख) योजननो वलयाकारे विष्कंभ धरावतो द्वीप ते नंदीश्वरद्वीप... त्रण चातुर्मासिक पर्व-सिद्धचक्राराधनपर्व अने पर्युषणापर्वना प्रसंगोमा तेमज श्रीजिनेश्वरप्रभुना जन्म वगेरे कल्याणकोनी उजवणी पछी देव-देवीओ अट्ठाई महोत्सव करवा जाय ते स्थळ एटले नंदीश्वरद्वीप... जीवाभिगम सूत्र-स्थानांगसूत्र वगेरे आगमग्रंथोमां तेनुं वर्णन प्राप्त थाय छे ते वर्णनना आधारे बनावेल तेनी प्रतिक रूपलाकडानी रचना सुरतना सैयदपुरा विस्तारमां आवेल श्रावक शेरीना जिनालयमां जोवा मळे छे. ते जरीते आरसनी बनावेल अन्य रचनाओ अमदावादना दोशीवाडानी पोळमां तेमज पालीताणामां उपर उजमफईनी ढूंकमां जेवा मळे छे. पालीताणा, आबु, गिरनार, राणकपुर विगेरे तीर्थस्थळोमां आ नंदीश्वरद्वीपना कोतरणीयुक्त प्राचीन पट्टो जेवा मळे छे. आ द्वीपनो स्थूल परिचय आपणे करीशुं जंबुद्वीपने वलयकारे वीटळायेलो आ नंदीश्वर द्वीप आठमो द्वीप छे तेना अतिमध्यभागे चारे दिशामां अंजनरत्नना श्याम वर्णना चार अंजनगिरि पर्वत छे, ते भूमितळथी चोर्यासी हजार योजन उंचा एक हजार योजन विस्तारवाळा छे. (मतांतरे ९४०० योजन विस्तारवाळा छे). आ चार अंजनगिरि शाश्वत छे अने ते चारे उपर एक एक शाश्वत जिनभवन चैत्य छे उपरोक्त चार अंजनगिरिमांना . १. पूर्वदिशाना अंजनगिरि उपर सौधर्मेन्द्र, २. उत्तरदिशाना अंजनगिरि उपर ईशानेन्द्र, ३. दक्षिणदिशाना अंजनगिरि उपर चमरेन्द्र, ४. पश्चिमदिशाना अंजनगिर उपर बलेन्द्र अठाई महोत्सव करे छे. ए दरेक वावडीना मध्यभागे उज्जवल वर्णना स्फटिकरत्नना चोसठ हजार योजन For Private and Personal Use Only
SR No.525295
Book TitleShrutsagar 2014 11 Volume 01 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2014
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size7 MB
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