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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नाकोड़ातीर्थ में राष्ट्रसंत आचार्य श्री पद्मसागरसूरिजी का ८०वाँ जन्मोत्सव मनाया गया __ डॉ. हेमन्तकुमार परम पूज्य राष्ट्रसन्त श्रुतोद्धारक आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब का 80वाँ जन्म महोत्सव श्री नाकोड़ाजी तीर्थ पर पूर्ण धार्मिक वातावरण में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया गया. भक्ति वन्दना के साथ प्रारम्भ हुए जन्म महोत्सव में देशभर से पधारे हजारों श्रद्धालुओं एवं भक्तगणों का श्री नाकोड़ाजी तीर्थ के अध्यक्ष श्री अमृतलालजी जैन स्वागत किया. ____ इस मंगलमय प्रसंग पर राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री एच. आर. पवार, गुजरात के पूर्व गृहमंत्री श्री प्रफुल्लभाई पटेल, प्राकृत भारती अकादमी के संस्थापक एवं एस.ई.बी.आई. के पूर्व अध्यक्ष श्री डी. आर. मेहता, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अग्रज श्री सोमाभाई मोदी, स्थानीय विधायक, कोबातीर्थ के ट्रस्टीगण एवं अनेक गणमान्य महानुभावों में पूज्यश्री के दीर्घ एवं स्वस्थ्य जीवन की मंगल कामना की. _पूज्य मुनिप्रवर श्री विमलसागरजी ने पूज्य गुरुदेवश्री के जीवन कवन का मार्मिक परिचय दिया एवं कार्यक्रम का बड़ा ही प्रभावशाली संचालन किया. पूज्य पंन्यास श्री देवेन्द्रसागरजी, पूज्य पंन्यास श्री हेमचंद्रसागरजी, पूज्य पंन्यास श्री विवेकसागरजी, पूज्य गणिवर्य श्री प्रशांतसागरजी, पूज्य मुनिप्रवर श्री महापद्मसागरजी एवं पूज्य मुनिप्रवर श्री पुनीतपद्मसागरजी ने पूज्य आचार्यश्री के संयम जीवन की विशेषताओं का वर्णन करते हुए अपनी श्रद्धाभक्ति एवं शुभकामनाएँ प्रेषित की. परम पूज्य राष्ट्रसन्त आचार्य भगवन्त ने उपस्थित जन समूह को प्रतिबोधित करते हुए कहा कि साधुओं का जन्मदिवस तो जिस दिन उसकी दीक्षा हुई हो वही होता है. कोई भी व्यक्ति का केवल अच्छी वाणी बोलने से महान नहीं होता है, उसे महान तो उसके व्यवहार, कार्य, आचरण ही बनाते हैं. मैं आज जो भी हूँ वह सब गुरुकृपा से ही हूँ. ___ मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानता हूँ क्योंकि गुरु का आशीर्वाद मुझे सदैव मिलता रहा है. आज का दिन मंगलकारी इसलिए नहीं है कि आज मेरा जन्म हुआ है बल्कि आज का दिन तो मंगलकारी इसलिए है कि आज अकबर प्रतिबोधक, जिन For Private and Personal Use Only
SR No.525293
Book TitleShrutsagar 2014 09 Volume 01 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanubhai L Shah
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2014
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size5 MB
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