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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर 15 साधु राणा गुण समरई कुमर वइरागीउ रे, लीणो तेइं ध्यानिं । सारे (रि) पासे रमवानो रस छंडीउ रे, जाणई जाउं रानि ।। २५ ।। जुलाई २०१४ सील सोहामणो रे... वली तिई तान मान राग रंग रस छंडीया रे, छंड्या गीत कवीत्त । घोडा हाथी राम ते रमवी सहू तजी रे, उपशम आणी चित्त || २६ ॥ सील सोहामणो रे... जातीसमरण पागीनई ते जागीओ रे, भागी भवनी चांति' । सील सुधारसमां हे कुंयरजी झीलतो रे, संयमनी करई खांति ।। २७ ।। सील सोहामणो रे... एमई अवरारि ते राजा-राणी चिंतवई रे, कुमर न राचई भोग । यौवनवय पागीनई वयरागी थयो रे, जाणे लीधो योग ।।२८।। - सील सोहामणो रे... हवई ते राजा राणी साजन सहु मली रे, परठई परठ अपार । पाणीग्रहण करावो कुमरी आठनुं रे, पाडो पासि कुमार ( ? ) ||२९ ।। सील सोहामणो रे... राई तेडाव्यो कुमरनई तिहां भोलाववा रे, बोलावई धरि नेह । मीठे मीठे बोलडे बोलावीओ रे, तोहि न पल्लई तेह ||३० ।। For Private and Personal Use Only सील सोहामणो रे... राय भई छ । यौवनवय छइं ताहरी रे, ताहरी नवली वेस । ए अवसर छइ भोग वणो भलो रे, तुं कांकरई कलेस ।।३१ ।। सील सोहामणो रे.... गीयरस तियस्स तंति" तणा रस रुपडा रे, कछु कवित्तह भेय । ए पंचई जिण जगमाहिं नवि जाणीया रे, दैवई डंख्या तेय ||३२|| सील सोहामणो रे... मई मंडाव्यामोट मंदिर मालीयां रे, ए ताहरु छइं र ज । आठई धरणी परणीनई भोगवो रे, पंचविषय सुख आज | |३३|| सील सोहामणो रे...
SR No.525291
Book TitleShrutsagar 2014 07 Volume 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanubhai L Shah
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2014
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
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