SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir काव्यशास्त्री यशोविजयगणि हीरालाल र. कापडिया भाषाना उद्भव पछी भाषाना स्वरूपादिनो बोध कराववा माटे तेमज ए विकृत थती अटके ते माटे जेम व्याकरणनी रचना कराय छे एम सामान्य रीते जेम मनाय छे, तेम काव्यो रचाया बाद एनी शास्त्रीय चर्चा माटे काव्यशास्त्रनी योजना संभवे एम मनातुं होय तो ना नहि. ए गमे ते हो पण एक ज व्यक्ति काव्यो पण रचे-कवि तरीके नामना मेळवे, अने साथे साथे विद्वद्भोग्य काव्यशास्त्र पण रचे एवी घटना अल्प प्रमाणमां बने. जैन साहित्यनो विचार करीशुं तो जणाशे के आ साहित्य पण आ परिस्थितिथी पर नथी. कवि अने साथे साथे काव्यशास्त्री पण होय एवी जैन व्यक्तिओ तरीके बप्पभट्टिसूरि, "कालिकालसर्वज्ञ हेमचन्द्रसूरि, वायड गच्छना अमरचन्द्रसूरि अने न्यायविशारद न्यायाचार्य यशोविजयगणिनो हुँ उल्लेख करुं छं. आ यशोविजयगणि प्रबळ तार्किक तरीके तेमज चार भाषाना गणनापात्र कवि तरीके जेटला सुप्रसिद्ध छे एटला काव्यशास्त्री तरीके जाणीता नथी एथी एमनो आ रीतनो परिचय आपवा हुं प्रेरायो छु अने एनुं फळ ते आ प्रस्तुत लेख छ - यशोविजयगणिनी जे कृतिओ उपलब्ध तेमज अनुपलब्ध जाणवामां छे तेमां तो गणिए काव्यशास्त्रने अंगे कोई स्वतंत्र कृति रच्यानु जणातुं नथी. एमणे निम्नलिखित कृतिओ उपर संस्कृतमा वृत्ति रची छे - (१) मम्मटकृत काव्यप्रकाश (२) 'कलि.' हैमचन्द्रसूरिकृत काव्यानुशासननी स्वोपन वृत्ति नामे अलंकारचूडामणि. आ उपरांत 'वायड' गच्छना अमरचन्द्रसूरिकृत काव्यकल्पलता उपर पण एमणे वृत्ति रची एम केटलाकनु कहेवू छे. यशोविजयगणिए पोतानी कोई कृतिमा काव्यप्रकाश उपर पोते वृत्ति रच्यानो उल्लेख को छे खरो? बाकी प्रतिमाशतकना त्रीजा पद्यनी तेमज नवमा पद्यनी स्वोपज्ञ वृत्तिमां 'काव्यप्रकाशकार' एवो उल्लेख करी एमनो-मम्मटनो मत दर्शाव्यो For Private and Personal Use Only
SR No.525289
Book TitleShrutsagar Ank 040
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2014
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy