SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शिवपुरीतीर्थ चैत्यपरिपाटी हिरेन के. दोशी मारगुर्जर केटलीक लघु चैत्यपरिपाटीओनी कृतिओमां एक नवी कृति प्रकाशित थाय छे, शिवपुरीतीर्थ चैत्यपरिपाटी. कृति रचना अने शब्दबंधने जोता कृतिनी रचना १९मी सदी आस-पास थई होवानी संभावना छे. अने एटले ज शिवपुरी एटले प्राय करीने आजे मध्यप्रदेशमां आवेलां शिवपुरी नगरनी आ चैत्यपरिपाटी होवानुं जणाय छे. शिवपुरी तीर्थमां कविए जुहारेला चैत्यने अहीं क्रमानुसार कृतिना पद्योमां आवरी लीधा छे. जिनालय के जिनालयना निर्माण संबंधी हकीकतो कृतिमां क्यांय जणाती नथी. कृतिमां जिनालय संबंधी अन्य विगतो जिनालयमा बिराजमान मूळनायक परमात्मा संबंधी हकीकतो ज प्रधानपणे कविने स्थान न आपता ए व्यक्त करी छे. ___ आ कृतिनी कुल १८ गाथामां कविए शिवपुरीतीर्थना पंदर जिनालयोनुं वर्णन कर्यु छे. एकाद जिनालयने बाद करता अन्य कोई ठेकाणे खास करीने कविए प्रासाद संबंधी हकीकत आपी नथी. आम कृतिना वाचनमां चैत्यपरिपाटीना स्वरूप करता कृतिमां स्वतन प्रकारनी छांट वधारे अनुभवाय छे. शिवपुरी तीर्थमां श्री आदिश्वर भगवानना त्रण, श्री नमिनाथ भगवान- एक, श्री संभवनाथ भगवान, एक, श्री अजितनाथ भगवान- एक, श्री शीतलनाथ भगवान- एक, श्री महावीरस्वामी भगवान- एक, श्री कुंथुनाथ भगवाननुं एक, श्री शांतिनाथ भगवान- एक अने श्री पार्श्वनाथ भगवानना त्रण, आम कुल १३ जिनालय स्वतंत्र गण्या छे. ज्यारे श्री पद्मप्रभ भगवाननो उल्लेख श्री आदिश्वर भगवानना जिनालयनी अंदर अने श्री चिंतागणी पार्श्वनाथ भगवाननो उल्लेख श्री अजितनाथ भगवानना जिनालयनी अंदर कर्यो छे. आम कुल पंदर जिनालयोनी स्पर्शनानी वात कविए कृतिना माध्यमे अभिव्यक्त करी छे. कृतिमां कविए दरेक परमात्माना लंछननी वात समानभावे करी छे. क्यांक परमात्मानी नगरी के माता-पितानुं नाम उमेरीने स्तवना अने परमात्मा संबंधी विगतो रजु करी छे. कृतिनी बारमी कडीमां कविए आदिश्वर भगवाननो प्रासाद चतुर्मुख जणाव्यो छे. कविए सोळमी कडीमां जिनालय माटे आगार शब्द वपरायो छे. जे विशेषता जणाय छे. कविए कृतिनी अढारमी कडीमां जणाव्या अनुसार अमीविजयजी उपाध्यायना शिष्य तरीके कवि पोताने उदबोध छे. अने पोतानो For Private and Personal Use Only
SR No.525287
Book TitleShrutsagar Ank 2014 03 037
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiren K Doshi
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2014
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy