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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ४८ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जून २०१३ आजीविका चलाववा खेतीवाडीना निषेधनी नोंध मळे छे, तो अडधा सेरथी वधारे कांतवाना निषेधनी मळती नोंध सामान्य कृतिओ करता विशेषता जन्मावे छे. दर महिने १५ सामायिक ( वर्षना १८०), दर वर्षे १२ पौषध करवा अने दर वर्षे बे अतिथिसंविभाग करवा रूप नोंध आपी पोतानी अंगत आराधनानी वात करी छे. अनाभोगथी नियम भंग थाय तो नीवीना पच्चक्खाणनी वात करी, व्रत प्रत्येनी पोतानी जागृति व्यक्त करी छे. कृतिमां आवता केटलाक विशेष शब्दो : संकोच अने शरम अर्थमां वपरातो काणि शब्दना वैविध्यने जणावे छे. धरवा माटे ढोउं शब्द रसाळ लागे छे. भैंस माटे भिंसि शब्दनो प्रयोग मूळ शब्दनी नजीकनो जणाय छे. बेडा माटे बेढा शब्दनो प्रयोग पोतानी प्राचीनता सिद्ध करे छे. प्रत परिचय : For Private and Personal Use Only - आ प्रत अमारा ज्ञानमंदिरमां ५०४३७ नंबरना क्रमांक पर संगृहित छे. प्रतमां कुल २ पत्रो छे, प्रत संपूर्ण छे. प्रत परिमाण २६ ११.५० छे एक पेजमां कुल १४ लाइन अने एक लाइनमां ४६ अक्षरोनुं आलेखन थयुं छे. प्रत लेखन विक्रमनी १९मी सदीमा लखाइ होवानी संभावना छे. एकंदरे प्रत सारी छे. अक्षरो सुंदर छे. प्रतमां विशेष पाठ लाल रंगथी अंकित छे. खंडित पाठने हांसियामां अने टीप्पणमां उमेर्यो छे क्यांक-क्यांक जीवात अने उंदरों द्वारा प्रतनी किनारीओ अने प्रतनो थोडोक भाग खवाई गयेल छे.
SR No.525279
Book TitleShrutsagar Ank 2013 06 029
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2013
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
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