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४६
जून २०१३
बारमइ साधुनो जोग जांणी करी, वरसनो एक करूं संविभाग । साहमी - साहमिण भगति बइनी करूं, जिम वरुं मुगति रमणीसु राग ||४०||
पालुं रे पालुं रे...
बार व्रतटीप लखी अछइ जेहवी, तेहवी पालवी मनशुद्धिं श्राविका गोरी इंम कहइ रंगस्युं, पालतां लहिइ सर्व सिद्धि ||४१||
पालुं रे पालुं रे...
।। इति श्री श्राविका गोरीनी बारव्रत इच्छापरिमाणनी टीप ।। // शुभं भवतु || || श्रीरस्तु ||
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१. वरत = व्रत
२. हेव = हवे
३. अंगलूहणुं ४. सूयवुं = सुबुं ५. गुणवी ६. छेक ७. धणी
८. मोकली = जयणां
९. खडकी = घर आगळ बांधेली
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अंत
गणवी
अंगलुंछणा
मालिक, स्वामी
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गाडुं ११. छाली
बकरी
१२. जलवट = जलमार्ग
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बारणावाळी छूटी जग्या.
१०. वहिल = उपरथी ढांकेलुं शणगारेलुं
१३. थलवट = निर्जलभूमि, रणप्रदेश
१४. अभक = अभक्ष्य १५. सीम १६. वाणही = मोजडी
मर्यादा
शब्दार्थ
१७. नाहण = संपूर्ण स्नान १८. अंघोल
स्नान
१९. सालणा = कचुंबर
२०. नीलवणि
२१. काहलुं = कोळुं २२. पुंख = पोंक
२३. झालरिया वालोर २४. उंबी घउंनो डोडो २५. सुकवैण डोडी
२६.
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३४. कोदरी
३५. सिं
३६. संधूकवा
३७. गुंथू
माथुं भीनुं कर्या वगरनुं ३८. ऊदेरी
जोइने
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२७. राण = रायण
२८.
खेजड
२९. हरडा =
३०. आंबला
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३१. बहिडा = बहेडा
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सुकवणी एकप्रकारनी वनस्पति
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३२. सरगुआफली = सरगवो
३३. जोआर
सो
हरडे
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लीलोतरी
खीजडो
=
आंबिला
जुवार
चोखानी एक जात
गुंथवुं
पेटाववा
उदीरणा करीने, जाणी