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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ४६ जून २०१३ बारमइ साधुनो जोग जांणी करी, वरसनो एक करूं संविभाग । साहमी - साहमिण भगति बइनी करूं, जिम वरुं मुगति रमणीसु राग ||४०|| पालुं रे पालुं रे... बार व्रतटीप लखी अछइ जेहवी, तेहवी पालवी मनशुद्धिं श्राविका गोरी इंम कहइ रंगस्युं, पालतां लहिइ सर्व सिद्धि ||४१|| पालुं रे पालुं रे... ।। इति श्री श्राविका गोरीनी बारव्रत इच्छापरिमाणनी टीप ।। // शुभं भवतु || || श्रीरस्तु || = १. वरत = व्रत २. हेव = हवे ३. अंगलूहणुं ४. सूयवुं = सुबुं ५. गुणवी ६. छेक ७. धणी ८. मोकली = जयणां ९. खडकी = घर आगळ बांधेली 2 = अंत गणवी अंगलुंछणा मालिक, स्वामी www.kobatirth.org = गाडुं ११. छाली बकरी १२. जलवट = जलमार्ग = बारणावाळी छूटी जग्या. १०. वहिल = उपरथी ढांकेलुं शणगारेलुं १३. थलवट = निर्जलभूमि, रणप्रदेश १४. अभक = अभक्ष्य १५. सीम १६. वाणही = मोजडी मर्यादा शब्दार्थ १७. नाहण = संपूर्ण स्नान १८. अंघोल स्नान १९. सालणा = कचुंबर २०. नीलवणि २१. काहलुं = कोळुं २२. पुंख = पोंक २३. झालरिया वालोर २४. उंबी घउंनो डोडो २५. सुकवैण डोडी २६. 1T ३४. कोदरी ३५. सिं ३६. संधूकवा ३७. गुंथू माथुं भीनुं कर्या वगरनुं ३८. ऊदेरी जोइने For Private and Personal Use Only = = = २७. राण = रायण २८. खेजड २९. हरडा = ३०. आंबला = ३१. बहिडा = बहेडा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुकवणी एकप्रकारनी वनस्पति = = = = ३२. सरगुआफली = सरगवो ३३. जोआर सो हरडे = लीलोतरी खीजडो = आंबिला जुवार चोखानी एक जात गुंथवुं पेटाववा उदीरणा करीने, जाणी
SR No.525279
Book TitleShrutsagar Ank 2013 06 029
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2013
Total Pages84
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
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