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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org २४ फरवरी २०१३ कहा जाता है कि पाकिस्तान द्वारा किये गये आक्रमण के दौरान यहाँ के अधिष्ठायक देव नागदेवता के रूप में कभी-कभी शिखर के ध्वजदण्ड पर बैठे हुए दिखाई देते थे। इस आक्रमण के दौरान भी यह स्थल पूर्णरूपेण सुरक्षित रहा । युद्ध में जानेवाले भारतीय सैनिक तथा अफसर लोग यहाँ से प्रभु के दर्शन करके ही आगे बढते थे। आक्रमण के दौरान ही सुविधा हेतु देरासर तक डामर की पक्की सडक सरकार द्वारा बनाई गई जो आज भी विद्यमान है। देरासर के सामने ही भव्य धर्मशाला तथा दादावाडी बनी हुई हैं जहाँ यात्रीयों के ठहरने एवं भोजन आदि की सम्यक् व्यवस्था है। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कला एवं सौन्दर्य : यहाँ अद्भुत कलात्मक कारीगरी का अद्वितीय रूप देखने को मिलता है । यहाँ के स्थंभ, छत एवं शिखर में लगा हुआ एक-एक पत्थर बारीकी पूर्ण की गई नक्काशी का सजीव दृश्य प्रस्तुत करता है । ऐसा कलात्मक चित्रण अन्यत्र बहुत ही दुर्लभ है। यहाँ विराजमान मूर्तियों को देखने पर लगता है कि शिल्पकारों में सजीव सौन्दर्य को चित्रित करने की होड़ लगी होगी । प्रवेशद्वार की तोरणकला अनुपम सौन्दर्य का जीता-जागता नमूना है। सहस्रफणा पार्श्वनाथ भगवान की कसोटी पाषाण निर्मित ऐसी चमत्कारिक कलात्मक प्रतिमाजी के दर्शन अन्यत्र दुर्लभ हैं। इन प्रतिमाओं को जिस रथ में यहाँ लाया गया था उस कलात्मक रथ की कला भी अपने आपमें अद्भुत और अविस्मर्णीय है । प्रभुभक्तों से अनुरोध है कि ऐसे भव्य मनोहर चमत्कारी तीर्थ के दर्शन करने का पुण्योपार्जन अवश्य करें । संदर्भ-ग्रंथ १. जैन तीर्थ परिचायिका, संपा. श्रीचन्द सुराना 'सरस' २. खरतरगच्छ प्रतिष्ठा लेख संग्रह, ले. संपा. महो विनयसागरजी, प्राकृतभारती अकादमीजयपुर, प्रथम संस्करण, सन् २००५ ३. जैन तीर्थ मार्गदर्शिका, संक. प्रकाशन श्री शुभद्राबेन नरोत्तमदास शाह परिवार ४. जैन तीर्थ सर्व संग्रह, भाग -१, खण्ड प्रथम, प्रकाशक-शेठ आणंदजी कल्याणजी, अहमदाबाद ५. श्री जैसलमेर - राणकपुर, श्री ओसिया तीर्थ यात्रा प्रवास (४) प्रकाशक- श्री अमदावाद जैन विशा ओशवाल समाज, मुंबई ६. श्री लोद्रवा पार्श्वनाथ महापूजनविधि, संपा. मुनि उदयरत्नसागरजी, प्रका. चारित्ररत्न फाउ चे. ट्रस्ट, मंबई For Private and Personal Use Only
SR No.525275
Book TitleShrutsagar Ank 2013 02 025
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMukeshbhai N Shah and Others
PublisherAcharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
Publication Year2013
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Shrutsagar, & India
File Size2 MB
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