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जुलाई २०१२
( समाचार सार )
डॉ. हेमंतकुमार लावण्य सोसायटी अहमदाबाद द्वारा पूज्य राष्ट्रसंत आचार्य भगवंत का भव्य स्वागत
जैन संस्कृति के गौरव राष्ट्रसंत आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब अपने शिष्य परिवार के साथ महानगरी मुंबई स्थित श्री गोडीजी पार्श्वनाथ जैन मंदिर के ऐतिहासिक द्विशताब्दी महामहोत्सव में निश्रा प्रदान करने के पश्चात् श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र कोबा में चातुर्मास व्यतीत करने हेतु मुंबई से कोबा की
ओर विहार किया. मुंबई से कोबा के मार्ग में अनेक गाँवों व नगरों में धर्म की ज्योति जलाते हुए दिनांक १८ जून, १२ को अहमदाबाद पधारे. अहमदाबाद की सीमा में प्रवेश करते ही लावण्य सोसायटी जैन संघ ने पूज्यश्री का भव्य स्वागत किया. अहमदाबाद शहर में अनेक स्थलों पर गुरुभक्तों ने पूज्यश्री को अपने निवास व प्रतिष्ठानों पर आमन्त्रित किया तथा उनके पवित्र चरणरज से अपने आपको पावन किया. कोबातीर्थ में परम पूज्य राष्ट्रसंत आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब
का भव्यातिभव्य चातुर्मास प्रवेशोत्सव सम्पन्न परम पूज्य राष्ट्रसंत आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब अपने शिष्य-प्रशिष्य परिवार के साथ चातुर्मास हेतु दिनांक २१/६/१२ अषाढ शुक्ल द्वितीया, विक्रम सं. २०६८ गुरुवार को त्रिवेणीसंगम कोबातीर्थ श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र में प्रवेश किया. कोबा हाईस्कूल के द्वार पर जैसे ही परम पूज्य राष्ट्रसंत आचार्य भगवंत श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब, जापमग्न आचार्य श्री अमृतसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब, ज्योतिर्विद् आचार्य श्री अरुणोदयसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब, पंन्यास श्री विवेकसागरजी महाराज साहब, गणिवर्य श्री प्रशांतसागरजी महाराज साहब आदि ठाणा पधारे, पूरा वातावरण महावीर स्वामी एवं पूज्यश्री के जयजयकारों से गूंज उठा. विभिन्न परिधानों को धारण किये हुए श्रावक-श्राविकाएँ हर्षोल्लासित होकर पूज्यश्री की वंदना करने लगे. इस मंगलमय अवसर पर श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र ट्रस्टमंडल की ओर से भव्यातिभव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया. कोबा हाईस्कूल के प्रांगण में देश भर से आये हुए हजारों गुरुभक्तों ने पूज्यश्री का भव्य स्वागत किया. इस मंगलमय अवसर पर गुजरात सरकार के गृहमंत्री माननीय श्री प्रफुल्लभाई पटेल के नेतृत्व में अनेक राजनयिक व प्रशासनिक अधिकारी पूज्यश्री के वंदनार्थ व दर्शनार्थ पधारे.
मुंबई महानगरी में गोडीजी पार्श्वनाथ जैन मंदिर के ऐतिहासिक द्विशताब्दी महोत्सव में निश्रा प्रदान करने हेतु विक्रम सं. २०६७ में पूज्यश्री ने श्री गोडीजी जैन मंदिर पायधुनी में चातुर्मास सम्पन्न किया था. १८ दिवसीय ऐतिहासिक द्विशताब्दी महामहोत्सव का कार्यक्रम सम्पन्न कराकर पूज्यश्री विक्रम २०६८ के चातुर्मास हेतु श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र कोबा की ओर प्रस्थान कर यहाँ पधारे हैं. मुंबई से कोबा तक की यात्रा में सतत कई दिनों तक चलने के बाद भी पूज्यश्री के मुखमंडल पर थकान का कोई चिह्न नजर नहीं आ रहा था. उनके साथ चलने वाले उनके शिष्य-प्रशिष्य भी कोबातीर्थ में पहुँचकर खूब प्रसन्नता का अनुभव कर रहे थे. आखिर तीन साल बाद अपने घर-आँगने जो पधार रहे थे. आने वाले और स्वागत करने वाले दोनों ही हर्षानुभूति का अनुभव कर रहे थे. कोई आशीर्वाद लुटा रहा था तो कोई आशीर्वाद लूटकर आनन्दित हो रहा था. गुरुभक्ति का अजोड़ नमूना उपस्थापित हो रहा था तो वात्सल्य की धारा तीव्र गति से प्रवाहित हो रही थी. त्रिवेणी संगम तीर्थ पर वास्तव में आगमन और अभिनन्दन का संगम हो रहा था.
पूज्यश्री का तीन वर्षों के बाद कोबा में आगमन का समाचार पाते ही संपूर्ण अहमदाबाद-गांधीनगर व आसपास के सभी श्रद्धालुओं का मन हर्षोल्लासित हो उठा, श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र परिवार कोबा हाईस्कूल से श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र तक बैंड-बाजा, हाथी-घोड़ा, सुसज्ज रथ, ध्वज-पताका एवं विशाल जनसमूह आदि के साथ शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा में सबसे आगे कोबा हाईस्कूल की छात्राएँ विशिष्ट परिधानों से सुसज्ज होकर सिर पर शुभ कलश लिये विशाल जन समूह का नेतृत्व कर रही थीं. वातावरण पूर्ण धार्मिक बना हुआ था. आकाश में छाये बादल पूज्यश्री को सूर्यताप से बचाने का यदा-कदा प्रयास कर रहे थे. धूप
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