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पन्यास प्रवरश्री अमृतसागरजी आचार्यपद प्रदान
આ સંસ્થા ખૂબ સારૂ કાર્ય કરી રહી છે. સ્થાન રમણીય- પ્રભુ પ્રતિમા ભવ્ય-નયનરમ્ય છે. હજી ઉત્તરોત્તર વધુ પ્રગતિ સાધી તમારા ધ્યેયને સિદ્ધ કરો એજ પ્રભુ પ્રાર્થના
વિદ્વાનોના અભિપ્રાય
अत्यद्भुतं इतः पूर्वमदृष्टं बहु अत्र संगृहीतं विश्वश्यैकदेशदृश्यमिव आकृष्टमनाः सम्यग्दृष्टवान् अमन्दमानन्दमनुभवामि इतःपरमपि बहुद्रष्टव्यमस्ति इतिवदन्ति अत्रत्याः किमाश्चर्यम्.
महोत्सव विशेषांक
S. Srinivasa Sharma Chidambaram (T.N)
आचार्यश्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर के दर्शन से हृदय आनंदित हो उठा. हमारे पूर्वजों ने ज्ञान के खजाने को सुरक्षित एवं संवर्द्धित करने के लिए अनुपम प्रयास बड़े प्रेम से किया है. उनके प्रेम एवं श्रद्धा से प्रकटित कला को हम वंदन करते हैं. दुर्लभ ज्ञानग्रंथ एवं कलाकृतिओं की सुरक्षा करने वाले सभी कार्यकर्ताओं एवं दाताओं को भी हम अभिनंदन देते हैं. सचमुच यह केन्द्र ज्ञानतीर्थ है. यहाँ के दर्शन से हम कृतार्थ होते हैं. इस केन्द्र में ज्ञान की ज्योति सुरक्षित एवं संवर्द्धित होती रहे. इस महान तीर्थ के सर्जन के लिए प्रेरणा देनेवाले सभी आचार्य भगवंतो को हृदय से वंदना ..
સાધ્વી, દિવ્યયશાશ્રીજી
श्री सद्गुरु शास्त्री, स्वामीनारायण गुरुकुल, अहदाबाद ‘અહીં જે કાંઈ કાર્ય થયું છે, થઈ રહ્યું છે,તે ખુબજ નિષ્ઠાપૂર્વક, પ્રેમપૂર્વક થઈ રહ્યું છે. દરેકને ખૂબજ પ્રેરણા મળે તેવું કાર્ય થાય છે. ભારતભરની, વિશ્વભરની લાઈબ્રેરીઓને માર્ગદર્શન મળે તેવું કાર્ય અને વ્યવસ્થા છે. લાયબ્રેરીનો પ્રોગ્રામ પણ अति प्रशंसनीय छे...
યોજન્ય. मेसर्स सनरान डायमंड ोक्षपोर्ट, ચંદ્રકાન્તભાઈ ડી. ગાંધી પરિવાર, મુંબઈ
इस जैन दर्शन संस्थान पुस्तकालय में आकर अत्यन्त आह्लाद हुआ. यहाँ अनेक दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह मैंने देखा . सभी भाषाओं सभी विषयों की पुस्तकें संगृहीत हैं और अधिक समृद्ध करने का आपका कार्य स्तुत्य है. बहुत ही सुव्यवस्थित कार्य को देखकर पुनः पुनराहलाद व प्रशंसा इस संस्था के प्रति मेरे हृदय में अंकित है
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સાધુ પ્રભુચરણદાસ, શિષ્ય પ્રમુખસ્વામી મહારાજ
आचार्या नन्दिता शास्त्री, वाराणसी
भारत में जैन विद्या के क्षेत्र में कार्य करने वाली जो संस्थाएं हैं. उनमें यह अल्पकाल में ही शीर्षस्थ स्थान पर आ गई है. इस संस्था में पुस्तकों, हस्तप्रतों, कलाकृतियों आदि का जो संग्रह है, वह केवल संख्या में विशाल ही नहीं है, अपितु उच्च कोटि का भी है. संस्था की विशेषता यह है कि यह अत्याधुनिक सुविधाओं एवं तकनीक से युक्त है. जैन विद्या के क्षेत्र में शोध कार्य करने वाले विद्यार्थियों के लिये इस संस्था का योगदान महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगा.'
બાવીણ પરિષહોને રાહબરવાવાળા અને ચોદ આણંતર ગ્રંથિઓથી મુક્ત આવા છત્રીણ ગુણોથી યુક્ત
આચાર્યોને વંદન