________________
हिन्दी अनुवाद :
अति करुण स्वर में मुझे रोता देखकर शोकातुर मुखवाली आकाश लक्ष्मी गिरते हुए तारों की भाँति आँसुओं से युक्त रोने लगी।
गाहा :
एत्थंतरम्मि सूरो सुयावहारय - निहालणत्थंव । नासिय घणंधयारो आरूढो उदयगिरि - सिहरं । । १२ । ।
संस्कृत छाया :
अत्रान्तरे सूर्यः, सुताऽपहारनिभालनार्थमिव । नाशितघनान्यकार, आरूढः उदयगिरिशिखरम् ।। १२ । ।
गुजराती अनुवाद :
एटलामां नाश कर्यो छे गाढ अंधकार जेणे स्वो सूर्य पण पुत्रना अपहरण करनारने जाणे शोधवा माटे उदयाचलना शिखर उपर आरूढ थयो । हिन्दी अनुवाद :
इतने में घने अंधकार का नाश करने वाला सूर्य भी उदयाचल के शिखर पर चढ़ आया जैसे वह हमारे पुत्र का अपहरण करनेवाले की तलाश कर रहा हो ।
गाहा :
अह अद्ध-पहरमेत्ते दियहे अइदुक्खिया अहं तत्थ । अइकरुणं कंदती इओ तओ जाव वियरामि ।। १३ ।।
संस्कृत छाया :
अथार्थप्रहरमात्रे, दिवसेऽतिदुःखिताऽहं तत्र ।
अतिकरुणं. क्रन्दन्तीतस्ततो यावद् विचरामि ।। १३ ।।
गुजराती अनुवाद :
तापसीनं आगमन
हवे अर्ध प्रहर (अंदाज चार घडी) दिवस थयो एटले अत्यन्त दुःखी हुं ते अटवीमां अति करुण स्वरे रुदन करती आम तेम परिभ्रमण करती हती.