________________
संस्कृत छाया :निजपरिजनं च सर्व शरीरसंवाहनादिव्यापारे ।
तस्या नियोज्य समागतो देवपार्थे ।।१३०।। गुजराती अनुवाद :
मारा सर्वे परिजनने तेणीनी सारवार आदिना कार्यमा जोडीने हुं आपनी पासे आव्यो छु. हिन्दी अनुवाद :
अपने सभी परिजनों को उसकी सेवा आदि कार्य में लगाकर मैं आपके पास आया हूँ। गाहा :
एवं समंतभद्देण साहियं वइयरं निसामित्ता।। विम्हिय-हियओ राया अह एवं भणिउमाढत्तो ।।१३१।। संस्कृत छाया :
एवं समन्तभद्रेण कथितं व्यतिकरं निशम्य । विस्मितहृदयो राजाऽथैवं भणितुमारब्धः ।।१३१।। गुजराती अनुवाद :
आ प्रमाणे समंतभद्र, कहेलुं वृत्तांत सांधळीने विस्मित थयेला राजारा बोलवानो प्रारंभ कर्योहिन्दी अनुवाद :
इस प्रकार समन्तभद्र द्वारा कहे गए वृत्तान्त को सुनकर आश्चर्यचकित हुए राजा ने बोलना प्रारम्भ किया। गाहा :
अव्वो! हु अवितहं तं पिच्छह नेमित्तियस्स सुमइस्स ।
ता पुत्तेण समाणं आसन्नं दंसणं इण्हिं ।।१३२।। संस्कृत छाया :
अहो ! खल्ववितथं तत् प्रेक्षध्वं नैमित्तिकस्य सुमतेः । तदा पुत्रेण सममासनं दर्शनमिदानीम् ।।१३२।।