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जैन जगत् 103 पुरातात्विक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक, विधिक आदि अनेक दृष्टियों से सल्लेखना, संथारा व समाधिमरण विषयों पर ४५ शोध-पत्र पढ़े गये। इस अवसर पर इन पठित शोध-पत्रों की सार पुस्तिका भी जारी की गयी। इस अवसर पर लोयला मेरीमाउण्ट विश्वविद्यालय लासएंजिल्स के प्रो. के. चैपेल, मार्बर्ग फिलिप्स विश्वविद्यालय, जर्मनी के प्रो. जयेन्द्र सोनी, लिटगार्ड सोनी, डॉ. शुगन चन्द जैन, प्रो. जी.सी. त्रिपाठी, प्रो० एन० वसुपाल, डॉ० प्रिया जैन आदि विद्वानों ने विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता की। दिल्ली में 'अहिंसा कंदुक (बाल)' स्थापना की दशक पूर्ति पर विशेष
आवरण व विरूपण जारी दिनांक २६ अप्रैल, २०१६ को भारत सरकार के डाक विभाग की ओर से मुख्य पोस्टमास्टर जनरल, दिल्ली डाक परिमण्डल द्वारा 'श्री पार्श्व पद्मावती जिनालय महाबलीपुरम् तीर्थ न्यास' की पहल पर 'अहिंसा कंदुक' स्थापना की १०वीं वर्षगाँठ के अवसर पर विशेष आवरण के साथ विशेष विरूपण (स्पेशल कैंसिलेशन) जारी किया गया। ज्ञातव्य है कि महरौली स्थित श्री पार्श्व पद्मावती जिनालय के प्रांगण में 'अहिंसा कंदुक' की स्थापना २००६ में की गयी थी। सभी अहिंसा प्रेमी व्यक्तियों एवं शक्तियों को संगठित कर पूरे विश्व में अहिंसा के सार्वभौमिक एवं सर्वकल्याणकारी सिद्धान्त के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य को समर्पित इस अवसर के माध्यम से अहिंसा के प्रति जैन समाज ने अपनी प्रतिबद्धता को दुहराया।
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