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________________ गुजराती अनुवाद २२०. अने वळी, क्यांक भयंकर सिंहनी बाडना श्रवणथी बास पामेला हरणो हता, क्यांक मोटु युद्ध करतां मत्त जंगलनी भेंसो हती... हिन्दी अनुवाद वहाँ कहीं तो सिंह की भयंकर गर्जना से डरे हुए हिरन थे तो कहीं लड़ते हुए जंगली भैंसे थे। गाहा कत्थइ गरुय-पवंगम-विमुक्क-बोक्कार-बहिरिय-दियंता । कत्थ य वण-दव-डझंत-जंतु-कय-भीसणारावा ।। २२१।। संस्कृत छाया कुत्रापि गुरुकप्लवङ्गमविमुक्तबुत्कारबधिरितदिगन्ताः । __ कुत्र च वनदवदह्यमानजन्तुकृतभीषणारावाः ।। २२१ ।। गुजराती अनुवाद २२१. क्यांक मोटा वानटोना मुकाता बुत्कार थी बहेरा कराया छे दिशाना अंतम्याग, अने क्यांक. वनना दावानलथी बळता जीवो वड़े भीषण अवाज थई रह्यो हतो....... हिन्दी अनुवाद कहीं तो बन्दरों के चित्कार से बहरी हो गयी दिशाएं थीं तो कहीं बन में लगी दावानल (जंगली आग) में उबल रहे जीवों की भयंकर आवाज हो रही थी। गाहा कत्थइ पयंड-गंडय-खंडिय-रुरु-विसर-रुहिर-बीभच्छा। कत्थइ सरह-पलोयण-पलायमाणोरु-करि-विसरा ।।२२२।। संस्कृत छाया कुत्राऽपि प्रचण्ऽगण्डकखण्डितरुरुविसररुधिरबीभत्साः । कुत्रापि सरभप्रलोकनपलायमानोरुकरिविसराः ।। २२२ ।। गुजराती अनुवाद २२२.क्यांक प्रचंड गेंडाथी पीडित थयेलहरणो हता, खेचरोना रुधिरथी खीभत्स क्यांक सिंहना जोवाथी पलायमान थता हाथीओनो समुदाय हतो.
SR No.525092
Book TitleSramana 2015 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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