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________________ हिन्दी अनुवाद कुसुमाकर उद्यान में जब आकाशमार्ग से कन्या गिरेगी उसके तुरन्त बाद आपका आपके पुत्र के साथ मिलन होगा। गाहा तव्वयणं सोऊणं गय-सोगो पहसिओ भणइ राया। भो! भो! सुवन्न-लक्खं सिग्धं सुमइस्स देहत्ति ।।१४८।। संस्कृत छाया तद्वचनं श्रुत्वा गतशोकः प्रहसितो भणति राजा । भो ! भोः ! सुवर्णलक्षं शीघ्रं सुमतये देहीति ।। १४८ ।। गुजराती अनुवाद १४८. (नैमित्तिकने भेट तथा विसर्जन) नैमित्तिक, ते वचन सांथलीने चाली गयेल शोकवालो तथा खुश भयेलो राजा कहे छे. 'अरे! अरे! एक लाख सुवर्ण जल्दी थी सुमतिने आपो. हिन्दी अनुवाद ज्योतिषी की यह बात सुनकर शोक मुक्त एवं खुशी से राजा कहता हैसुमति को शीघ्र ही एक लाख सुवर्ण मुद्रा दो। गाहा एय-वयणाओ अम्हं देवी-विरहम्मि गरुय-सोगग्गी । पसरंतो ओल्हविओ समागमासा-जलोहेण ।।१४९।। संस्कृत छाया एतद्वचनादस्माकं देवीविरहे गुरुशोकाग्निः । प्रसरन् विध्यापितः समागमाऽऽशाजलौघेन ।। १४९ ।। गुजराती अनुवाद___ १४९. आना वचनथी देवीना विरहमा फेलायेलो थारे शोकलप अग्मि, देवीना समागमछपी पाणीना धोध बड़े बुझावायो छे. हिन्दी अनुवाद ___ इस वचन से देवी के विरह से फैले भारी शोक रूपी अग्नि, देवी के मिलन रूपी पानी के झरने से बुझ गयी।
SR No.525092
Book TitleSramana 2015 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2015
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size15 MB
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