________________
हिन्दी अनुवाद
हे महाभाग! तुम कौन हो? तुम कहां से आये हो मुझसे कहो। देव ने कहा हे राजा यदि तुम्हें कुतूहल है तो सुनो
गाहा
ईसाण-कप्प-वासी विहुप्पहो नाम सुर-वरो अहयं । आसन्न-चवण-समओ पर-लोय-हियं समायरिउं ।।५।। तित्थयर-वंदणत्थं विदेह-वासम्मि आगओ आसि ।
तत्थ मए सो भयवं आपुट्ठो नियय-वुत्तंतं ।। ५१।। संस्कृत छाया
ईशानकल्पवासी विथुप्रभो नाम सुरवरोऽहम् । आसन्नच्यवनसमयः परलोकहितं समाचरितुम् ।। ५० ।। तीर्थकरवन्दनार्थं विदेहवर्षेऽऽगत आसम् ।
तत्र मया स भगवन् आपृष्टो निजवृत्तान्तः ।। ५१ ।। युग्मम् ।। गुजराती अनुवाद
५०-५१. (देववाणी)- ईशानकल्पवासी विद्युत्प्रय नामनो हुं देव छु. नजीकमां ज च्यवन समय होवाथी परलोक, हित साधवा तीर्थंकर वंदना माटे हुं महाविदेह श्रेत्रमा गयो हतो, त्यां मारा बड़े पोतानो वृत्तांत भगवानने पूछायो. (युग्मम्) हिन्दी अनुवाद
मैं ईशानकल्पवासी विद्युत्प्रभ नाम का देव हूँ। च्यवन समय नजदीक होने से परलोक हित साधने हेतु तीर्थंकर वन्दना के लिए विदेह क्षेत्र में गया था। वहाँ मुझसे भगवान ने निज वृत्तान्त पुछवाया। गाहा
उप्पत्ती कत्थ महं चुयस्स एत्तो भविस्सए भयवं!? । तत्तो जिणेण भणियं भरहम्मि य हत्थिणपुरम्मि ।। ५२।। जो अच्छइ पुत्तत्थी पोसह-सालाइ पोसहम्मि ठिओ। सिरि-अमरकेउ-राया तस्स तुमं होसि पुत्तोत्ति ।। ५३।।