________________
78 : श्रमण, वर्ष 65, अंक 3-4 / जुलाई - दिसम्बर 2014
कार्यशाला के निदेशक डॉ० अशोक कुमार सिंह ने कहा कि यद्यपि सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान के साधनों ने अध्ययन सामग्री की उपलब्धता को सहज बनाया है तब भी ज्ञान प्राप्ति के मूलभूत उपादानों की प्रासंगिकता उतनी ही है। इस अवसर पर कार्यशाला संयोजक डॉ० श्रीनेत्र पाण्डेय ने कार्यशाला के व्याख्यानों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया ।
कार्यशाला में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी, ग्राम्यांचल महिला विद्यापीठ, वाराणसी, गंगानाथ झा राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, इलाहाबाद एवं बलिया से कुल 40 प्रतिभागी सम्मिलित हुए ।
*****