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प्रकाशन-सूची : 85 ३०.हिन्दी गद्य के विकास में जैन मनीषीपं० सदासुखदास का योगदान
- (ग्रं०मा०सं० १३६) (ISBN-81-86715-65-7); लेखिका : डॉ० मुन्नी जैन; प्रथम संस्करण २००१; पृष्ठ : ३२, ३०८, १८; आकार :
डिमाई सजिल्द, मूल्य : रु० ३००.००। ३१.षोडशकप्रकरणम् - (ग्रं०मा०सं० १४६) (ISBN-81-86715-79
7); अनुवादक : डॉ० भागचन्द्र जैन भास्कर; प्रथम संस्करण २००४; पृष्ठ
: २३०; आकार : डिमाई; सजिल्द/ अजिल्द, मूल्य : रु० ३००.००। ३२.जैन कुमारसम्भवम्- (ग्रं०मा०सं० १६२) (ISBN-81-86715-55
x); अनुवादक : डा. नीलमरानी श्रीवास्तवा; प्रथम संस्करण २०११; पृष्ठ
: २१५; आकार : डिमाई, अजिल्द, मूल्य : रु० ३००.००। ३३. जैन एवं वैदिक परम्परा में द्रौपदी -(ग्रं०मा०सं० १६८) (I.S.B.N.
81-86715-54-1) डॉ० शीला सिंह, प्रथम संस्करण, २०१३, पृष्ठ :
५, २५; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य रु. ४५०.००। ३४.जैन साहित्य के विविध आयाम (द्वितीय खण्ड)- सम्पादक : प्रो०
सागरमल जैन; प्रथम संस्करण १९९०, पृष्ठ : २५१; आकार : डिमाई;
मूल्य : रु० ६०.००। (अनुपलब्ध) ३५. नम्मयासुन्दरीकहा (हिन्दी अनुवाद सहित) - सम्पादक : डॉ० के०आर०
चन्द्र; अनुवादक : डॉ० रमणीक भाई एम० शाह एवं पं० रूपेन्द्र कुमार पगारिया; प्रथम संस्करण १९८९; पृष्ठ : १४, १३२, १४०; आकार :
डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० १५०.००। 36. LITERARY EVALUTION OF PAUMACARIYAM -
(S.N. 17, small); by Dr. K. R. Chandra; 1st Edition 1966; Pages 46; Size: Demy; Paper back, Price Rs. 20.00. (OUT
OF PRINT) ७. संस्कृति एवं समाज : १. बौद्ध और जैन आगमों में नारी जीवन -(ग्रं.मा.सं.८); लेखक : डॉ०
कोमल चन्द्र जैन; प्रथम संस्करण १९६७; पृष्ठ : २४, २६८; आकार : डिमाई; सजिल्द, मूल्यः रु० ३००.००। (अनुपलब्ध) यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन - (ग्रं.मा.सं. १०); लेखक : डॉ० गोकुलचन्द्र जैन; प्रथम संस्करण १९६७; पृष्ठ : २२, ३६, २५८; आकार : डिमाई; सजिल्द, मूल्य : रु० १५०.००।