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प्रकाशन-सूची
२०१४-१५ १. जैन धर्म के आगमिक ग्रन्थ एवं व्याख्याः १. आचाराङ्गसूत्र : एक अध्ययन - (ग्रं०मा०सं० ३७); लेखक : डॉ०
परमेष्ठीदास जैन; प्रथम संस्करण १९८७; पृष्ठ : २९, १७७; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० १५०.००।
दशाश्रुतस्कन्धनियुक्ति : एक अध्ययन (मूल, संस्कृतच्छाया, हिन्दी __ अनुवाद सहित) - (ग्रं०मा०सं० १०१) (I.S.B.N. 81-86715-26
६); अनुवादक : डॉ० अशोक कुमार सिंह; प्रथम संस्करण १९९८; पृष्ठ :
२३०; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० १२५.००। ३. उत्तराध्ययनसूत्रः एक परिशीलन (गुजराती) - (ग्रं०मा०सं०
१३५)(I.S.B.N. 81-86715-64-9); लेखक : डॉ० सुदर्शनलाल जैन; अनुवादक : प्रो० अरुण शान्तिलाल जोशी; प्रथम संस्करण २००१; पृष्ठ :
१६, ५३२; आकार : डिमाई; सजिल्द, मूल्य : रु० ३००.०० । ४. उत्तराध्ययनसूत्र : एक परिशीलन (हिन्दी) - (ग्रं०मा०सं० १७३)
(I.S.B.N. 978-93-81571-10-1); लेखक : डॉ० सुदर्शनलाल जैन; द्वितीय संस्करण २०१२; पृष्ठ : १६, ५३२; आकार : डिमाई; सजिल्द,
मूल्य : रु० ६००.००। ५. ऋषिभाषित का दार्शनिक अध्ययन -साध्वी डा० प्रमोद कुवर; प्रथम
संस्करण २००९; पृष्ठ : १८८; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु०
९०.००।6. KȘĀYAPĀHUDA (Chapters on Passion)- English
translation by Dr. N. L. Jain; First Edition 2006; Pages. xii,
342; Size-Demy; Hard Bound, Price Rs. 300.00. २. धर्म एवं दर्शनः १. जीवन दर्शन - (ग्रं०मा०सं०९); लेखक : गोपीचन्द्र धाड़ीवाल; प्रथम
संस्करण १९६७; पृष्ठ : ९, ९८; आकार : क्राउन; अजिल्द, मूल्य : रु० ३०.००।