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________________ साहित्य-सत्कार : 101 भारतीय संस्कृति की प्रमुख परम्पराओं वैदिक और श्रमण में परस्पर प्रभूत विनिमय हुआ है। आज आवश्यकता विविध परम्पराओं में अन्तर्निहित एकता के तत्त्वों का समीक्षात्मक एवं तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करने की है। द्रौपदी का चरित्र जैन एवं वैदिक परम्परा में सामान्य रूप से लोकप्रिय है। परन्तु अपनी-अपनी पृथक् पृष्ठभूमियों के कारण दोनों परम्पराओं में द्रौपदी का चित्रण-परिवेश पृथक्-पृथक् है। जैनाचार्यों की प्रवृत्ति जैन सिद्धान्तों को दृष्टान्तों के माध्यम से सहज बनाकर प्रस्तुत करने की रही है। इस कारण हिंसा, असंयम और निदान के भयावह परिणामों का उपदेश देकर सन्मार्ग पर लाने के लिए द्रौपदी कथा को आधार बनाया गया। इस कृति में वैदिक एवं जैन दोनों ही परम्पराओं में उपलब्ध प्रचुर साहित्य के सम्यक् अध्ययन के आधार पर द्रौपदी कथा का तुलनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इस कृति के माध्यम से द्रौपदी के कथानक पर व्यापक प्रकाश पड़ेगा। डॉ. रुचि राय लघ्वर्हन्नीति (संस्कृत मूल एवं वृत्ति, पाठान्तर, हि.अनु. एवं परिशिष्ट सहित) आचार्य हेमचन्द्र, अनुवाद एवं सम्पादक डॉ अशोक कुमार सिंह, ग्रन्थमाला सम्पा. दीप्ति एस० त्रिपाठी, राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन प्रकाशिका ग्रन्थमाला सं०८, राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन नई दिल्ली तथा न्यू भारतीय बुक कॉरपोरेशन, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण २०१३, पृ० ३२, २८२ साजिल्द, मूल्य रु० ३५०/चौलुक्य राजा कुमारपाल के आग्रह पर 'अर्हनीति' नामक शास्त्र से सार उद्धृत करके कालिकाल सर्वज्ञ आचार्य हेमचन्द्र द्वारा लघ्वर्हन्नीति की रचना की गई है। स्वयं हेमचन्द्र द्वारा राजा और प्रजा के कल्याण के लिए शीघ्रता से स्मरण में आने वाले तथा सरलता से ज्ञात होने वाले उत्तम शास्त्र लघ्वर्हन्त्रीति की रचना करने का उल्लेख है। लघ्वर्हन्त्रीति का वर्गीकरण अधिकरण और प्रकरण में है। इसमें चार अधिकारों में २३ प्रकरण हैं। इसके कुल श्लोकों की संख्या ९२० है। लघ्वर्हन्नीति के वर्गीकरण पर कौटिल्य के अर्थशास्त्र का प्रभाव दिखाई पड़ता है। कौटिल्य अर्थशास्त्र का भी वर्गीकरण अधिकरण, प्रकरण में हुआ है। इसके आकार को देखते हुए अधिकरण और प्रकरण के अध्याय और कारिक के रूप में भी उपवर्गीकरण प्राप्त होते हैं।
SR No.525084
Book TitleSramana 2013 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokkumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2013
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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