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________________ 86 : श्रमण, वर्ष 64, अंक 1 / जनवरी-मार्च 2013 लिए वीतरागवाणी सार्वजनिक न्यास ट्रस्ट (रजि.) भोपाल ने एक अभिनन्दन ग्रन्थ 'प्रतिष्ठा प्रज्ञ' प्रकाशित करने का निर्णय लिया है।पं. विमलकुमार जैन सोरयां से संबन्धित संस्मरण, शुभकामना संदेश, चित्र या जैन दर्शन, प्रतिष्ठा या अन्य विषय पर शोध आलेख आदि संयोजक कार्यालय को यथाशीघ्र मार्च २०१३ तक प्रेषित किया जा सकता है। प्रो. डॉ. भागचन्द्र जैन 'भास्कर' अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन योजना:प्राच्य भारतीय भाषाओं एवं श्रमण सांस्कृतिक तत्त्वों के तलस्पर्शी विद्वान् प्रो. डॉ. भागचन्द्र जैन 'भास्कर' एक मौन साधक और बहु आयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। जिन्होंने अपना सारा जीवन जैन-बौद्ध साहित्य एवं संस्कृति की पवित्र अराधना में समर्पित कर दिया है। उनकी समग्र सेवाओं एवं योगदान के प्रारुपों पर विचार करते हए श्री भारतवर्षीय दि. जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा ने अन्य सभी संस्थानों के सहयोग से एक वृहत्काय अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशित करने का निश्चय किया है। इस ग्रन्थ में उनसे सम्बद्ध संस्मरण, शुभकामनाएं, आलेख, चित्र तथा उनकी कृतियों पर समीक्षात्मक लेख प्रकाशित होंगे। श्री नरेन्द्र प्रकाश जी जैन का दुःखद अवसान दिनांक ५ मार्च, २०१३ के दिन सुबह ही श्री नरेन्द्र प्रकाशजी का दुःखद अवसान हो गया। मानो एक दीपक बुझ गया और अन्धकार छा गया। भारतीय विद्या के क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध प्रकाशन संस्थान, मोतीलाल बनारसीदास के निदेशक, परिवार के वरिष्ठ सदस्य प्रकाशजी की विदाई अत्यन्त दु:खद एवं पीड़ादायक है। श्री प्रकाश जी ने सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं यथा भोगीलाल लहेरचंद पुराविद्या संस्थान (BLII), श्री आत्म वल्लभ जैन स्मारक शिक्षण निधी, श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन तीर्थ, हरिद्वार, भगवान महावीर अस्पताल रोहिणी (दिल्ली) आदि के पदाधिकारी एवं आजीवन ट्रस्टी के रूप में अमूल्य सेवाएं दी। पार्श्वनाथ विद्यापीठ ईश्वर से प्रर्थना करता है कि उनकी आत्मा को सद्गति मिले। ****
SR No.525083
Book TitleSramana 2013 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2013
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size14 MB
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