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vii : श्रमण, वर्ष 63, अंक 2 / अप्रैल - जून 2012
भारत के द्वितीय राष्ट्रपति महामहिम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् 'कर्त्तव्यबोध', वर्ष 11, अंक 11, सन् 1960, पृष्ठ 7-8, 'जीवितधर्म' वर्ष 8, अंक 10, सन् 1957, पृष्ठ 341
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भारत के पांचवें प्रधानमन्त्री स्व. श्री मोरारजी देसाई -
'सब जीवों को समान समझें' वर्ष 9, अंक 2, सन् 1957, पृष्ठ31-33, उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री ( 1954-1960 ) डॉ. सम्पूर्णानन्द'निरामिष भोजन एक समस्या' वर्ष 9, अंक 3, सन् 1958, पृष्ठ 28-331 देश के महान् सन्त आचार्य विनोबा भावे (1 लेख) प्रकाशित प्रथम श्रमणसंघीय आचार्य पू. आत्मारामजी (8 लेख) प्रकाशित
इसके अतिरिक्त निम्न आचार्यों, स्वतन्त्रता सेनानियों, समाज सेवियों, दार्शनिकों, साहित्यकारों तथा जैन विद्वानों के लेख भी श्रमण में प्रकाशित हैंआचार्य
द्वितीय श्रमणसंघीय आचार्य पू. आनन्द ऋषिजी, तृतीय श्रमणसंघीय आचार्य पू. देवेन्द्र मुनिजी वर्तमान चतुर्थ श्रमणसंघीय आचार्य पू. डॉ. शिवमुनिजी, दिगम्बर आचार्य पू. विद्यानन्दजी, मुनिश्री पुण्यविजयजी, मुनिश्री जम्बूविजयजी, आचार्य महाप्रज्ञ, डॉ. नगराजजी डी. लिट्, पूज्य ज्ञानमुनि जी, पूज्य मधुकर मुनि जी, पू. मुनिश्री सुशील कुमार, आचार्य डॉ. रजनीश, मुनि महेन्द्र कुमार 'प्रथम', मुनि महेन्द्र कुमार 'द्वितीय' आदि।
स्वतन्त्रता सेनानी एवं समाजसेवी -
महान् गान्धीवादी एवं स्वतन्त्रता सेनानी दादा धर्माधिकारी, महान सर्वोदयी नेता सिद्धराज ढड्ढा, साहू शान्ति प्रसाद जैन, लाला श्रीहरजसराय जैन, श्री शादीलाल जैन आदि ।
दार्शनिक
महान् दार्शनिकों में बर्ट्रेण्ड रसेल (अतीत धर्म और साधुसंस्था), श्री अरविन्द, डॉ. एन. के. देवराज ।
साहित्यकार
महान् बौद्ध विद्वानों में भदन्त आनन्द कौसल्यायन, भिक्षु धर्मरक्षित, भिक्षु जगदीश काश्यप, डॉ. भरत सिंह उपाध्याय, डॉ. सी. एस. उपासक, डॉ. वासुदेव शरण अग्रवाल, पी. एल वैद्य, देश के महान् साहित्यकारों एवं