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30 : श्रमण, वर्ष 63, अंक 3 / जुलाई-सितम्बर 2012
सन्दर्भः 1. संस्कृत-हिन्दी कोश, वी, एस, आप्टे, पृष्ठ 242 2. भामह, काव्यालंकार, सूत्र 1/28 3. विश्वनाथ, साहित्यदर्पण, 6/334-5 4. अमरकोश, 1/5/6 5. विश्वनाथ साहित्यदर्पण 6/311, एवं संस्कृत-हिन्दी कोश, वी, एस, आप्टे,
पृष्ठ 139 6. जैन न्यायदीपिका 7. हितोपदेश, प्रस्तावना, 1/1 8. संस्कृत साहित्य का सरल इतिहास, पृष्ठ 126 9. शास्त्री, नेमिचन्द्र, प्राकृत साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास, पृष्ठ 444 10. कुवलयमाला कथा, प्रस्तावना डॉ. ए. एन. उपाध्ये, पृष्ठ 12 11. दशवैकालिक गाथा 188 12. दशवैकालिक वृत्ति, गा. 208-210 13. आचारांगसूत्र, 6/1, पृष्ठ 437 14. डॉ. जगदीश चन्द्र जैन, प्रा. सा. इतिहास, पृष्ठ 309-312 15. दशवैकालिकसूत्र, 6/9 16. भावपाहुड, गाथा 143 टीका 17. जहा कुम्मे स अंगाई सए देहे समाहरे। ___ एवं पावाई मेहावी अन्झप्पेण समाहारे। सूत्रकृतांगसूत्र, 1/8/16 18. यशस्तिलक चम्पू, उत्तरार्ध 10 19. योगशास्त्र, 4/11 20. एवं धम्मस्स विणओ मूलं परमो से मुक्खो। दशवैकालिकसूत्र, 9/2/2 21. कार्तिकेयानुप्रेक्षा, 364 22. मूलाचार, 58 23. सूत्रकृतांगसूत्र, 1/10/7 24. दशवैकालिकसूत्र, 8/27 25. द्वादशानुप्रेक्षा, 110 26. उत्तराध्ययनसूत्र,. 1/8 व 1/9
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