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________________ 28 : श्रमण, वर्ष 63, अंक 1 / जनवरी-मार्च 2012 61. भगवती आराधना, पूर्वोक्त, शोलापुर, तृ. सं. 2006,गाथा 138362. वही, 63. वही, 64. वही, गाथा 1383, 65. वही 66. आचारांगसूत्र, मधुकर मुनि, 2.3.15.2 67. लोभो सव्वविणासणो-8.38, दशवैकालिकसूत्र, मधुकर मुनि, 68. ज्ञानार्णव, शुभचन्द्र,परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई,1927, 69. आशागतः प्रतिप्राणि यस्मिन् विश्वमणूपमम्। कस्य किम् कियदायाति वृष वो विषयैषिता।। -ज्ञानार्णव, शुभचन्द्र, 70. आशादासीकृता येन तेन दासीकृता जगत्। आशाया यो भवेद्दासः स दासः सर्वदेहिनाम्।। -अष्टपाहुड, आचार्य कुन्दकुन्द, हिन्दी अनु. पं. पन्नालाल साहित्याचार्य, भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत्परिषद् पुष्प सं. 10, प्रथम संस्करण 1995, पृ. गाथा सं. 49 की वृत्ति पृ. 217-218, 71. लोभं संतोषओ जिणे , दशवैकालिकसूत्र, मधुकर मुनि, 8.38 72. आचारांगसूत्र, मधुकर मुनि, 72. धम्मेण चेव वित्तिं कप्पेमाणा विहरति- सूत्रकृतांग, मधुकर मुनि, 2.2.36, 73. सव्वं जगं तु समयाणुपेही। सूत्रकृतांग, मधुकर मुनि, 1.9.7, 74. आय तुले पयासु, सूत्रकृतांग, मधुकर मुनि, 1.11.3, 75. उत्तराध्ययनसूत्र, मधुकर मुनि, 4.8, 76. उत्तराध्ययनसूत्र, मधुकर मुनि, 32. 8, 77. धवला, पूर्वोक्त, अमरावती,1939, पृ. 118, 78. डा. सागरमल जैन, पूर्वोक्त, वाराणसी, पृ. 417, 79. आचारांगसूत्र, मधुकर मुनि, 3.2 80. आचारांगसूत्र, मधुकर मुनि, 3.3, 81. कविवर बनारसीदास, सत्साहित्य प्रकाशन, कुन्दकुन्द कहान दिगम्बर जैन तीर्थ सुरक्षा ट्रस्ट, षष्ठ संस्करण 1988, जीवद्वार 32, ***
SR No.525079
Book TitleSramana 2012 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2012
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size12 MB
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