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________________ १०० : श्रमण, वर्ष ६२, अंक २ / अप्रैल-जून-२०११ साहित्य, साउथ दिल्ली में ८ मई २०११ को महावीर जयन्ती का भव्य आयोजन हुआ जिसमें भगवान् के गुणों के चिन्तन के साथ उनके गुणों को जीवन में उतारने का सन्देश दिया गया। उनके बताये हुए सही मार्ग पर चलने का संकल्प करना ही असली महावीर जयन्ती है। ४. चौदहवें महावीर पुरस्कार की घोषणा भगवान् महावीर फाउण्डेशन की ओर से चौदहवें महावीर पुरस्कार की घोषणा दिनांक २५ मई २०११ को आयोजित प्रेस वार्ता में फाउण्डेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री सुगालचन्दजी जैन ने की। वर्ष २०११ के इस पुरस्कार के विजेता हैं(१) श्री दयानन्द स्वामी, बॅगलोर, कर्नाटक, (२) दी इण्डियन प्लेनेटरी सोसाइटी, मुम्बई, महाराष्ट्र, (३) वालेन्टरी हेल्थ सर्विसेज, चेन्नई, तमिलनाडु तथा (४) स्नेहालया सोशल चेरिटेबल ट्रस्ट, सोलापुर, महाराष्ट्र। अभी तक ३५ पुरस्कार प्रदान किये जा चुके हैं। प्रतिवर्ष दिये जाने वाले पुरस्कार की संख्या तीन से बढ़ाकर चार की जा चुकी है एवं पुरस्कार राशि रु० ५ लाख से बढ़ाकर रु० १० लाख की जा चुकी है। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की तरफ से सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई। ५. पन्द्रहवें महावीर पुरस्कार हेतु नामांकन आमन्त्रित भगवान् महावीर फाउण्डेशन की ओर से पन्द्रहवें महावीर पुरस्कार हेतु ३१ अगस्त २०११ तक नामांकन आमन्त्रित हैं। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य समाज या राष्ट्र के उन व्यक्तियों या संस्थाओं को प्रोत्साहित करना है जो निःस्वार्थ भाव से सेवा करते आ रहे हैं। यह सम्मान प्रतिवर्ष चार क्षेत्रों में प्रदान किया जाता है- (१) अहिंसा व शाकाहार, (२) शिक्षा, (३) चिकित्सा एवं (४) सामाजिक उत्थान व सेवा। अधिक जानकारी तथा फार्म www.bmfawards.org पर उपलब्ध है। ६. प०पू० आचार्य डॉ० शिवमुनि जी महाराज का चातुर्मास प्रवेश आगामी १० जुलाई, २० १.१ को प० पू० आचार्य डॉ. शिवमुनि जी म०सा० आदि ठाणा ७ का भव्य चातुर्मास प्रवेश दिल्ली के डेरावाल नगर से प्रारम्भ होकर वीरनगर में सम्पन्न होगा। ७. जैनदर्शन में विद्वान् बनने की योजना प्राच्यविद्या परम्परा को जीवित करने हेतु जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय, लॉडनू, (राजस्थान) ने जैन दर्शन के विद्वान् बनने की पञ्चवर्षीय योजना प्रारम्भ की है जिसके अन्तर्गत अध्येताओं को दो वर्ष तक रु० ७०००/- प्रतिमाह छात्रवृत्ति, तदनन्तर
SR No.525076
Book TitleSramana 2011 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSundarshanlal Jain, Shreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2011
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size13 MB
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