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________________ लेख जैन दर्शन में अकान्तवाद लेखक डॉ. शारदा सिंह वर्ष अंक ई.सन् पृष्ठ श्रमण आचार व्यवस्था-ऐतिहासिक पृष्ठभूमि कु. नीतू द्विवेदी ५५ ५५ १-६ १-६ २००४ ६४-६८ २००४ ६९-७६ श्री वेद प्रकाश गर्ग डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डेय ५५ १-६ २००४ साधारण सिद्धसेनसूरि रचित 'विलासवईकहा' जैन दर्शन का कर्म सिद्धान्त एवं उनके समान्तर भारतीय दर्शन में प्रचलित अन्य सिद्धान्त जैन गुफाएँ : ऐतिहासिक व धार्मिक महत्त्व ७७-७९ विषय दर्शन-तत्त्व मीमांसा एवं ज्ञान मीमांसा इतिहास, पुरातत्व एवं कला आगम एवं साहित्य दर्शन-तत्त्वमीमांसा एवं ज्ञान मीमांसा इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला दर्शन-तत्त्वमीमांसा एवं ज्ञान मीमांसा समाज एवं संस्कृति इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला विविध १-६ २००४ ८०-९० डॉ. एन. के. शर्मा ५५ १-६ जैन दर्शन एवं योगवाशिष्ठ में मृत्यु विचार श्री मनोज कुमार तिवारी ५५ ५५ १-६ १-६ २००४ ९९-११० २००४ १११-११५ महावीर एवं बुद्ध का वर्षावास डॉ. मनीषा सिन्हा तीर्थंकर पार्श्वनाथ की प्रतिमाएं (होशंगाबाद डॉ. गुलनाज तंवर संग्रहालय के सन्दर्भ में) महाराणा प्रताप का पत्र अकबर प्रतिबोधक जैनाचार्य डॉ. सोहनलाल पटनी हीरविजय सूरि के नाम खरतरगच्छ-क्षेमकीर्ति शाखा का इतिहास डॉ. शिवप्रसाद श्रमण अतीत के झरोखे में (द्वितीय खण्ड) : ११३ ५५ ५५ १-६ १-६ २००४ ११६-११७ २००४ ११८-११९ इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ५५ १-६ २००४ १२०-१२८
SR No.525074
Book TitleSramana 2010 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh, Shreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2010
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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