SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 6
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सम्पादकीय आप 'श्रमण' के स्थायी पाठक हैं। आपने श्रमण का पिछला अंक वर्ष ६१ अंक २ (अप्रैल-जून २०१०) पढ़ा। आपने उसे सराहा हमें प्रसन्नता हुई। अब आपके समक्ष अगला अंक (जुलाई-सितम्बर २०१०) प्रस्तुत करते हुए हम आपके सुझावों को जानना चाहते हैं ताकि आगे के अंकों की गुणवत्ता में निखार ला सकें। किन्हीं अपरिहार्य कारणों से श्रमण समय पर आप तक नहीं पहुंच पा रहा था अब हम इस स्थिति में आ गए हैं कि समय पर आपको श्रमण मिल जाए। आप हम तक श्रमण-सम्बन्धी खट्टे-मीठे अनुभव अवश्य भेजेंगे। इस अंक में विविध जैन विधाओं से संम्बन्धित शोध-लेख आपको अवश्य पसन्द आयेंगे। स्थायी स्तम्भों के अन्तर्गत आपको विशिष्ट व्यक्तित्व के रूप में 'भँवर लाल जी नाहटा' का परिचय मिलेगा, जिज्ञासा और समाधान में वैभाविकी शक्ति तथा पर्युषण पर्व की जानकारी मिलेगी। इनके अतिरिक्त विद्यापीठ की गतिविधियाँ, जैन जगत् की हलचल तथा साहित्य सत्कार से सम्बन्धित सामग्री पूर्ववत् होगी। हमारे अगले अंक (अक्टूबर-दिसम्बर २०१०) में ISSIS संस्था के अन्तर्गत कनाडा, यू.एस.ए. चीन आदि देशों से समागत विदेशी विद्वानों के लेख होंगे। इन्होंने जून-जुलाई २०१० में जयपुर, दिल्ली, वाराणसी, हस्तिनापुर आदि स्थानों पर भ्रमण करके तथा जैन विद्वानों के व्याख्यान सुनकर जैनधर्म-दर्शन-कला आदि से सम्बन्धित शोध-पत्र लिखे हैं। इन शोध-लेखों से हम विदेशियों की भावनाओं को समझ सकेंगे। इस कार्य में सहयोग के लिए हम डॉ. शुगन चन्द जैन निदेशक ISSIS के अत्यन्त आभारी हैं। हमारी अगली योजना विशेषाङ्क निकालने की है जिसके लिए हमें शोधपूर्ण लेख चाहिए जैसे : 'त्रेषठ शलाका पुरुष चरित' (२४ तीर्थङ्कर, १२ चक्रवर्ती, ९ नारायण, ९ प्रतिनारायण और ९ बलदेव) पर कुछ विशेषाङ्क हों। इसके अतिरिक्त गणित, भूगोल, द्रव्य, प्रमाण, ग्रन्थ-समीक्षा, कला, ज्योतिष, कर्म, मनोविज्ञान आदि से सम्बन्धित योजनाबद्ध विशेषाङ्क निकाले जायें जो संदर्भ ग्रन्थ का काम करें। अन्त में मैं अपने सहयोगी सम्पादक मण्डल के सभी सदस्यों का आभारी हूँ जिन्होंने बड़ी मेहनत से इसे यह रूप दिया है। डॉ. श्रीमती शारदा सिंह को धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने इस अंक के प्रकाशन में प्रूफ रीडिंग में पूर्ण सहयोग दिया है। सम्पादक सुदर्शनलाल जैन
SR No.525073
Book TitleSramana 2010 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh, Shreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2010
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy