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हिन्दी अनुवाद :- इस प्रकार सोचकर इस पापी की सभी विद्याएं मैंने ले ली। इस कारण से यह मूल स्वरूप में आ गया!
गाहा :
तत्तो य वसुमईए सहसा निद्दा मए खयं नीया।
एईए विबुद्धाए नायं जह एस पर-पुरिसो।। २१८।। संस्कृत छाया:
ततश्च वसुमत्याः सहसा निद्रा मया क्षयं नीता।।
अनया विबुद्धया ज्ञातं यथा एषः परपुरुषः ।।२१८।। गुजराती अर्थ :- त्यार पछी में वसुमतीनी निद्राने हरी, जागेली एवी एणीट आ परपुरुष छे तेम जाण्यु!। हिन्दी अनुवाद :- बाद में मैंने वसुमती की नींद दूर की। जगी हुई उसने जाना की यह पर पुरुष है। गाहा:
गंतूण सासुयाए सिट्ठा वत्ता इमीइ सव्वावि।
तत्तो सुदंसणाए दळूण इमं कओ रोलो ।। २१९।। संस्कृत छाया :
गत्वा श्वश्वाः शिष्टा वार्ता अनया सर्वाऽपि ।
ततः सुदर्शनया दृष्टवा इमं कृतो रवः ।।२१९|| गुजराती अर्थ :- सासु पासे जइने एणीए बधी वात श्रणावी त्यार पछी सुदर्शनाए ते पुरुषने जोईने पोकार को। हिन्दी अनुवाद :- सास के पास जाकर उसने सभी बात कही तब सुदर्शना ने वहाँ आकर उस अन्य पुरुष को देखकर कोलाहल किया! गाहा :
पडिबुद्धेण इमेणवि तेणिह अंबा सुदंसणा भणिया ।
सोउं निठुर-वयणं पलोइयं नियय-देहं तु ।। २२०।। संस्कृत छाया :
प्रतिबुद्धेनानेनापि तेनेह अम्बा सुदर्शना भणिता।
श्रुत्वा निष्ठुरवचनं प्रलोकितं निजदेहं तु ||२२०।। गुजराती अर्थ :- ते कारणथी जागेला एवा आ पुरुषे अत्यारे सुदर्शना माता कही पछी तेणीना निष्ठुर वचन सांभळी ने पोताना देहने जोयो। १. रोलो = कोलाहल:
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