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९७. जैन दर्शन में नवतत्त्व - (ग्रं०मा०सं० १३४, ISBN-81-86715-62-0),
लेखिका- साध्वी डॉ. धर्मशीला, प्रथम संस्करण २०००; पृ० - २४+४४४;
आकार- डिमाई, मूल्य - ४००.००। ९८. अलंकारदप्पण - (ग्रं०मा०सं०९८, ISBN-81-86715-56-8), अनुवादक
- भंवरलाल नाहटा, प्रथम संस्करण २००१; पृ० २४+५६, आकार - डिमाई मूल्यः रु० १२५। समाधिमरण - (ग्रं०मा०सं० १२४, ISBN-81-86715-48-7), लेखक - डॉ० रज्जन कुमार, प्रथम संस्करण २००१, पृ० १०+२४; आकार डिमाई, मूल्य
: २६०.००। १००.श्रावकधर्म विधि-प्रकरण - (ग्रं०मा०सं० १३२, ISBN-81-86715-58
4) अनुवाद एवंसम्पादन - म० विनयसागर,प्रथम संस्करण २००१; पृ०-५६,
आकार- डिमाई; मूल्य : १००.००। १०१.जैन एवं बौद्ध योग : एक तुलनात्मक अध्ययन - (ग्रं०मा०सं० १२८,
ISBN-81-86-715-52-5) लेखिका - डॉ० सुधा जैन, प्रथम संस्करण
२००१; पृ० १२+३२७; आकार – डिमाई; मूल्य - ३००.००। १०२.अचलगच्छ का इतिहास - (ग्रं०मा०सं० १३५, ISBN-81-86715-61
4) लेखक - डॉ० शिवप्रसाद, प्रथम संस्करण २००१; पृ० २४+२१२; आकार
- डिमाई; मूल्य - २५०.००। १०३. हिन्दी गद्य के विकास में जैन मनीषी पं० सदासुखदास का योगदान -
(ग्रं०मा०सं० १३६, ISBN-81-86715-65-7) लेखिका - डॉ० मुन्नी जैन, प्रथम संस्करण २००१; पृ० ३२+३०८+१८; आकार - डिमाई; मूल्य
३००.००। १०४.ज्ञाताधर्मकथांग का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन - (ग्रं०मा० सं०
१४१, ISBN-81-86715-73-8),लेखिका-डॉ० राजकुमारी कोठारी, प्रथम
संस्करण २००३; पृ० १२+१८२; आकार - डिमाई; मूल्य : २००.००। १०५. जैन एवं बौद्ध शिक्षा-दर्शन : एक तुलनात्मक अध्ययन - (ग्रं०मा०सं०
१४२, ISBN-81-86715-74-6) लेखक - डॉ. विजय कुमार, प्रथम संस्करण
२००३, पृ० १२+२३६; आकार - डिमाई, मूल्य : रु० २००.००। १०६.स्थानकवासी जैन परम्परा का इतिहास - (ग्रं०मा०सं० १४०, ISBN-81
86715-72-X) लेखक - डॉ० सागरमल जैन एवं डॉ. विजय कुमार, प्रथम संस्करण २००३, पृ० १४+६०८; आकार - डिमाई; मूल्य : ५००.००।
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