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१४१ ४२. जैन मेघदूतम् ( भूमिका, मूल, टीका एवं हिन्दी अनुवाद सहित) -
(ग्रं०मा०सं०५१), लेखक : डॉ० रविशंकर मिश्र; प्रथम संस्करण; पृ० :
६+७४+१२५; मूल्यः रु० - २००.००; आकार : डिमाई; १९८१। ४३. जैन धर्म-दर्शन (ग्रं०मा०सं० १९), लेखक : डॉ० मोहनलाल मेहता; प्रथम
संस्करण; पृ० : ११+६०५; मूल्य : रु० २००.०० - आकार : क्राउन;१९९९। ४४. स्वाध्याय - लेखक : महात्मा भगवानदीन; प्रथम संस्करण; पृ० : ८+१९२;
मूल्य: रु० - ६०.००; आकार : क्राउन; १९५७। ४५. मगध - लेखक : श्री बैजनाथ सिंह 'विनोद'; प्रथम संस्करण; पृष्ठ : ६२; मूल्यः
रु० - ३०.००; आकार : क्राउन; १९५४। ४६. भारत के प्राचीन जैन तीर्थ - (ग्रं०मा०सं०८),लेखक : डॉ० जगदीशचन्द्र
जैन; प्रथम संस्करण; पृ० : ६८+२०; मूल्य रु० - ६०.००; आकार : डिमाई;
१९५२। ४७. सुवर्णभूमि में कालकाचार्य - (ग्रं०मा०सं०१३), लेखक : डॉ० उमाकान्त
पी० शाह; प्रथम संस्करण; पृ०: ५०; मूल्य : रु० २०.००; आकार : डबल
क्राउन; १९५६। ४८. उत्तराध्ययनसूत्र : एक परिशीलन (गुजराती)- (ग्रं०मा०सं० १३४),
लेखकः डॉ० सुदर्शनलालजैन; अनुवादक : प्रा० अरुणशान्तिलाल जोशी, प्रथम
संस्करण; पृ० : १६+५३२; मूल्य : ३००.०० आकार : डिमाई; २००१। ४९. आत्ममीमांसा - (ग्रं०मा०सं०१०),लेखक : पं० दलसुखमालवणिया; प्रथम
___संस्करण; पृ० : ६+१५२; मूल्य : रु० - ७५.००; आकार - क्राउन; १९५३। ५०. जैन कर्म सिद्धान्त का उद्भव और विकास-लेखक: डॉ० रवीन्द्रनाथ मिश्र,
पृ० : ११+२४८; आकार : डिमाई, प्रथम संस्करण १९९३; मूल्य : रु० २००.००। जैन धर्म का यापनीय सम्प्रदाय - (ग्रं०मा०सं०५९),लेखक : प्रो० सागरमल जैन; पृ० : ४००, आकार : डिमाई, प्रथम संस्करण १९९३; मूल्य : रु०
२००.००। ५२. नेमिदूतम् - (ग्रं०मा०सं०६८), व्याख्याकार : डॉ० धीरेन्द्र मिश्र; प्रथम संस्करण
१९९४; मूल्य : रु० - १००.००; आकार : डिमाई; पृ० : ४६+१३९। ५३. शीलदूतम् - (ग्रं०मा०सं०६९) अनुवादक : साध्वी प्रमोद कुमारी एवं पं०
विश्वनाथ पाठक; प्रथम संस्करण १९९३; मूल्य : ३०.००; आकार : डिमाई; पृ० - ४२।
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