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हिन्दी अनुवाद
वहां भी इस दक्षिणश्रेणि में कई ( सारे) नगर में घूमते हुए वाञ्छित की अप्राप्ति से अभी तेरे कुञ्जरावर्त नगर में आया हूँ।
गाहा- -
एयम्मि य उज्जाणे मह पविस्संतस्स सोहणो सउणो । संजाओ तह फुरिया दाहिण- बाहू तहा नयणं ।। २२६ ।। संस्कृत छाया
एतस्मिँश्चोद्याने मम प्रविशतः शोभनः शकुनः ।
सञ्जातस्तथा स्फुरितौ दक्षिणबाहुस्तथा नयनम् ।।२२६ ।। गुजराती अर्थ
अने आ उद्यानमा प्रवेश करता शुभ शुकन थया तथा जमणी आँख अने जमणो हाथ फरकवा लाग्या ।
हिन्दी अनुवाद
यहाँ इस उद्यान में आते ही शुभ शकुन हुआ, दायीं आँख और दायाँ हाथ फरकने लगा।
गाहा
तत्तो वियप्पियं मे अवस्थमज्जेव होहिई तीए ।
दइयाए दंसणं, अहव किंचि अइसोहणं अन्नं ।। २२७ ।।
संस्कृत छाया
ततो विकल्पितं मयाऽवश्य मद्यैव भविष्यति तस्याः । दयिताया दर्शनमथवा किश्चिदतिशोभनमन्यत् ।। २२७ ।। गुजराती अर्थ
आथी में विचार्य अवश्य आजे ज मने तेणीना दर्शन थशे अथवा कांईक पण बीजु सारू यशे ।
हिन्दी अनुवाद
अतः मैंने सोचा जरूर आज ही मुझे उस प्रिया के दर्शन होंगे या और कुछ अच्छा काम होगा।
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