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जैन जगत् : १०९
भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डपुर,
वैशाली में 'वर्धमान भवन का शिलान्यास भगवान महावीर स्वामी की जन्मभूमि वासोकुण्ड, विदेह कुण्डपुर, वैशाली में २६ अगस्त २००७ को आयोजित एक भव्य समारोह में राजकुमार वर्धमान भवन' की आधारशिला रखी गई। समारोह के मुख्य अतिथि वैशाली लोकसभा सदस्य एवं केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह थे। उन्होंने समारोह में उपस्थित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए जैन प्रतिनिधियों का भगवान महावीर की पावनभूमि पर स्वागत करते हुए कहा कि - मैं इस धरती की वंदना करता हूँ। यह भूमि अहिल्य कहलाती है, यानी यहाँ सैकड़ों वर्षों से हल नहीं चलाया जाता। साहू शान्तिप्रसाद जी ने सन् १९५५ में 'अहिंसा, जैनशास्त्र एवं प्राकृत शोध संस्थान' की स्थापना करके जैनविद्या को एक नई दिशा दी। सन् १९५६ में प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने भव्य स्मारक का शिलान्यास किया। जैन धर्म की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि आज यदि जैनधर्म के त्रिरत्न एवं पंचमहाव्रत सिद्धान्त को जनमानस अपना ले तो सारी दुनिया से आतंक समाप्त हो जायेगा। संसद के द्वारा भगवान महावीर का संदेश जनमानस तक फैलाने का उन्होंने आश्वासन दिया। उन्होंने वैशाली स्थित महावीर हाईस्कूल का गेट, गेस्ट हाऊस, अस्पताल, कॉलेज, रेलवे स्टेशन आदि सरकार द्वारा बनवाने की घोषणा की।
'सजकुमार वर्धमान भवन' की आधारशिला श्री आर०के० जैन (वीरा बिल्डर्स) दिल्ली ने रखी। पं० राजेन्द्र उपाध्ये ने पूजन संपन्न कराया। भगवान महावीर स्मारक समिति के अध्यक्ष श्री नरेश कुमार सेठी ने बताया कि यहाँ आचार्यश्री विद्यानन्द जी, आचार्यश्री विद्यासागर जी, आचार्यश्री वर्धमानसागर जी एवं सन्तों के आशीर्वाद से सभी संस्थाओं- तीर्थक्षेत्र समिति, महासमिति, परिषद् आदि के सहयोग से पूरे समाज को जोड़कर भव्य स्मारक बनाया जाएगा। साथ ही उन्होंने श्री स्वदेश भूषण जैन (पंजाबकेसरी), श्री सतीशचन्द जैन (SCJ), श्री अनिल जैन (नेपाल), श्री स्वराज जैन, श्री सत्येन्द्र जैन आदि के द्वारा समारोह को सफल बनाने में दिये गये सहयोग की सराहना की। महासभाध्यक्ष निर्मल कुमार सेठी ने आभार व्यक्त किया। संचालन डॉ० वीरसागर जैन ने किया। ये सभी कार्य प्राकृत जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान' के निदेशक डॉ. ऋषभचन्द्र जैन, के निर्देशन में सम्पन्न हुए।