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प्रकाशित उपांग साहित्य : १३५
४. हिन्दी अनुवाद, अमोलक ऋषि जी, हैदराबाद, १९२०. ५. गुजराती अनुवाद, जैन धर्म प्रसारक सभा, भावनगर- १९३४. ६. हिन्दी अनुवाद, सम्पा०- मुनि मिश्रीमल जी मधुकर, आगम प्रकाशन
समिति, व्यावर, राजस्थान, १९८५. उवंगसुत्ताणि, भाग ४, खण्ड-२, सम्पा० आचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्व भारती संस्था, लाडनूं, राजस्थान १९८९. आगमसुत्ताणि- भाग-१९, सं० मुनि दीपरत्नसागर आगमश्रुत प्रकाशन, अहमदाबाद, १९९५. गुजराती अनुवाद, आगमदीप, भाग-५ अनुवादक- मुनि दीपरत्नसागर, आगमदीप प्रकाशन, अहमदाबाद, गुजरात, १९९७.