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________________ भगवान महावीर की निर्वाणभूमि पावा एक पुनर्विचार यह जैन धर्मानुयायिओं का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि जहाँ भगवान बुद्ध के बौद्ध धर्म का भारत से लोप हो जाने के बाद भी भगवान बुद्ध के जन्मस्थल, ज्ञान प्राप्ति-स्थल, प्रथम उपदेश स्थल और परिनिर्वाण स्थल की सम्यक् पहचान हो चुकी है और इस सम्बन्ध में कोई मतवैभिन्य नहीं है, वहां जैन धर्म के भारत में जीवन्त रहते हुए भी आज भगवान महावीर का जन्मस्थल, केवलज्ञानस्थल, प्रथम उपदेशस्थल और परिनिर्वाणस्थल सभी विवाद के घेरे में हैं, उनकी सम्यक् पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, जबकि उन स्थलों के सम्बन्ध में आगम और आगमिक व्याख्याओं तथा पुराण साहित्य में स्पष्ट निर्देश है। पूर्व के दो आलेखों में हमने उनके जन्मस्थल और केवलज्ञानस्थल की पहचान का एक प्रयत्न किया था। इस आलेख में हम उनके तीर्थस्थापनस्थल और परिनिर्वाणस्थल की पहचान का प्रयत्न करेंगे । यहाँ यह ज्ञातव्य है कि जहाँ श्वेताम्बर परम्परा भगवान महावीर के तीर्थस्थापनास्थल और परिनिर्वाणस्थल दोनों को 'मज्झिमापावा' अर्थात् मध्यम + अपापा को मानती है, वहाँ दिगम्बर परम्परा तीर्थ स्थापनस्थल तो राजगृह के वैभारगिरि को मानती है, किन्तु परिनिर्वाणस्थल तो पावा को ही मानती है। इस प्रकार निर्वाणस्थल के सम्बन्ध में श्वेताम्बर और दिगम्बर परम्पराओं में मतैक्य है- दोनों ही 'पावापुरी' को महावीर का परिनिर्वाण स्थल मानती हैं। किन्तु मूल प्रश्न यह है कि यह पावा कहाँ स्थित है ? - - वर्तमान में श्वेताम्बर और दिगम्बर दोनों ही परम्पराएं राजगृह और नालन्दा के समीपवर्ती पावापुरी को महावीर का निर्वाण स्थल मान रही हैं और दोनों के द्वारा उस स्थल पर मन्दिर आदि निर्मित हैं । किन्तु विद्वत्वर्ग इस स्थल को महावीर का निर्वाण स्थल मानने में सहमत नहीं है। उसकी आपत्तियाँ निम्न हैं - Jain Education International १. भगवान महावीर के निर्वाण के समय नव मल्ल, नव लिच्छवी आदि १८ गणराज्यों के राजा तथा काशी और कोशल देश के राजा उपस्थित थे (कल्पसूत्र १२७)। राजगृही के समीपवर्ती पावा में उनकी उपस्थिति सम्भव नहीं हो सकती, क्योंकि राजगृह राज्यतंत्र था और मल्ल, लिच्छवी, वज्जी, वैशाली For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525056
Book TitleSramana 2005 07 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2005
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size11 MB
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