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________________ जैन जगत् : २०९ महामस्तकाभिषेक की तैयारियां शुरू त्रिवेणी संगम पर बारह वर्षों में एक बार लगने वाले कुम्भ मेले जैसा महत्त्व रखने वाले भगवान बाहुबलि के महामस्तकभिषेक के अवसर पर आयोजित होने वाला तीर्थ मेला ८ से ९ फरवरी २००६ तक राजधानी बैंगलोर से १४० कि०मी० की दूरी पर श्रवण बेलगोला में लगेगा। बारह वर्षों में एक बार महामस्तकाभिषेक महोत्सव का आयोजन होता है। २१वीं सदी के प्रथम महामस्तकाभिषेक के लिए केन्द्र सरकार ने ७५ करोड़ रुपये जारी किए हैं। दस दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव को जहां आचार्य श्री वर्धमानसागर जी का पावन सान्निध्य एवं आचार्य विद्यानन्द जी का मार्गदर्शन मिलेगा वहीं क्रांतिकारी सन्त जैन मुनि श्री तरुण सागर जी इस समारोह के मुख्य वक्ता होंगे। शहर के सौंदीकरण के लिए पर्यटन विभाग, भारत सरकार ने ६२ लाख रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। श्रवण बेलगोला में महोत्सव के दौरान साहित्य सम्मेलन, कविगोष्ठी तथा विभिन्न प्रदर्शनियों का आयोजन किया जायेगा जिसे दूरदर्शन सहित विभिन्न चैनलों पर देखा जा सकेगा। इस महामस्तकाभिषेक महोत्सव में महामहिम राष्ट्रपति डॉ० ए०पी०जे० अब्दुलकलाम, उपराष्ट्रपति श्री भैरोसिंह शेखावत, प्रधानमन्त्री श्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी सहित अनेक नेतागण एवं महत्त्वपूर्ण व्यक्ति उपस्थित रहेंगे। पाण्डुलिपियों के डिजिटल संरक्षण पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ___में संगोष्ठी सम्पन्न काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के केन्द्रीय ग्रन्थालय में राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन, नई दिल्ली के सहयोग से २४ दिसम्बर, २००५ को पाण्डुलिपियों के डिजिटल संरक्षण पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें देश के कोनेकोने से विद्वानों ने एवं पाण्डुलिपि विशेषज्ञों ने भाग लिया । संगोष्ठी के प्रथम उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता पार्श्वनाथ विद्यापीठ के निदेशक प्रो० महेश्वरी प्रसाद ने किया तथा मुख्य अतिथि थे- प्रो० पंजाब सिंह, कुलपति, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा विशिष्ट अतिथ थे- पाण्डुलिपि मिशन के सहनिदेशक डा० दिलीप राणा। प्रो० महेश्वरी प्रसाद ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि पाण्डुलिपियों का डिजिटल संरक्षण तो हो किन्तु मूल पाण्डुलिपियों को भी संरक्षित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525056
Book TitleSramana 2005 07 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2005
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size11 MB
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